बुंदेलखंड राज्य की मांग फिर हुई मुखर, पीएम को सौंपा गया ज्ञापन"2014 के वादे को अब 11 साल हो चुके हैं, बुंदेलियों का सब्र टूट रहा है" — भानु सहाय
- bharatvarshsamaach
- Jul 9
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झाँसी | भारतवर्ष समाचार
बुंदेलखंड को अलग राज्य का दर्जा देने की माँग को लेकर बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा ने एक बार फिर आवाज बुलंद की है। मोर्चा के अध्यक्ष भानु सहाय के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित एक ज्ञापन झाँसी जिलाधिकारी के माध्यम से सौंपा, जिसमें जल्द से जल्द बुंदेलखंड राज्य निर्माण की प्रक्रिया शुरू करने की माँग की गई।
क्या है माँग का आधार?
ज्ञापन में स्पष्ट किया गया कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान झाँसी-ललितपुर संसदीय क्षेत्र में चुनाव प्रचार करते हुए उमा भारती, राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन वर्षों के भीतर बुंदेलखंड राज्य गठन का वादा किया था।लेकिन अब इस वादे को 11 साल 1 महीना बीत चुका है, फिर भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।
यूपी और एमपी सरकारों की पहल से बनी आधारभूमि
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा झाँसी, जालौन, हमीरपुर, ललितपुर, चित्रकूट और महोबा को मिलाकर बुंदेलखंड विकास बोर्ड का गठन किया गया, वहीं मध्य प्रदेश सरकार ने सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, दमोह, पन्ना, दतिया और निवाड़ी जिलों को मिलाकर बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण बनाया।
इसके साथ ही केंद्र सरकार द्वारा जारी बुंदेलखंड पैकेज में भी इन्हीं क्षेत्रों को शामिल किया गया था। मोर्चा का कहना है कि अब समय आ गया है जब इन दोनों राज्यों के इन सभी जिलों को मिलाकर एक अखंड बुंदेलखंड राज्य का गठन किया जाए।
किन क्षेत्रों को शामिल करने की माँग?
ज्ञापन में विशेष रूप से लहार, पिछोर, करैरा, चंदेरी, गंज बासौदा, कटनी, सतना एवं चित्रकूट को भी प्रस्तावित राज्य की सीमाओं में शामिल करने की बात कही गई है।
भानु सहाय ने चेताया:"बुंदेलियों का सब्र अब टूटता जा रहा है। यदि जल्द निर्णय नहीं हुआ तो जनता के आक्रोश का सामना सरकार को करना पड़ सकता है।"
ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख नाम:
इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे:अधिवक्ता अशोक सक्सेना (महामंत्री), रघुराज शर्मा, गिरिजा शंकर राय, हनीफ खान, कुंवर बहादुर आदिम, अनिल कश्यप, उत्कर्ष साहू, गोलू ठाकुर, प्रदीप झा, रशीद कुरैशी, नरेश वर्मा, ब्रजेश राय, अरुण रायकवार, शंकर रायकवार, राजेश लोहिया, मोह. राहत कुरैशी, शाहजहाँ बेगम, कुंती राय, राधा वर्मा, सुरेन्द्र यादव, जगमोहन मिश्रा, कुलवंत सिंह खालसा, प्रभुदयाल कुशवाहा और अभिषेक तिवारी।
भारतवर्ष समाचार विशेष विश्लेषण
बुंदेलखंड राज्य की मांग दशकों पुरानी है, लेकिन राजनीतिक वादों से आगे अब तक कोई ठोस पहल नहीं हो सकी। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश दोनों सरकारों ने प्रशासनिक विकास बोर्ड बनाकर कुछ संकेत जरूर दिए हैं, परन्तु पूर्ण राज्य निर्माण के लिए केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी आवश्यक है।अब देखना यह है कि केंद्र सरकार इस ओर क्या रुख अपनाती है।
रिपोर्ट: मोहम्मद कलाम कुरैशी
स्थान: झाँसी, उत्तर प्रदेश
नेटवर्क: भारतवर्ष समाचार











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