तीन शहर, तीन अफसर: सीएम योगी की सख्ती, लापरवाह अधिकारियों पर शुरू हुई कार्रवाई
- bharatvarshsamaach
- Jul 17
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लखनऊ | 17 जुलाई 2025 | भारतवर्ष समाचार
उत्तर प्रदेश सरकार ने नगर निकायों में मिल रही लगातार शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए तीन अलग-अलग जिलों — शाहजहांपुर
मुजफ्फरनगर और अलीगढ़ — में तैनात अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देश हैं कि किसी भी स्तर पर लापरवाही, नियमों की अनदेखी या जवाबदेही से बचने की प्रवृत्ति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यह कार्यवाही नगर विकास विभाग द्वारा प्रदेशभर में चलाए जा रहे निरीक्षण और शिकायत निवारण अभियान के तहत की गई है। तीनों मामलों में अलग-अलग प्रकार की प्रशासनिक लापरवाहियों के तथ्य सामने आए हैं। शासन ने जांच अधिकारियों की नियुक्ति करते हुए प्रक्रिया को तेज़ कर दिया है।
शाहजहांपुर: बोर्ड बैठकों से अनुपस्थित रहीं अध्यक्ष, वर्चुअल उपस्थिति को बताया गया नियमविरुद्ध
नगर पंचायत कांट की अध्यक्ष मुनरा बेगम के खिलाफ शिकायत थी कि वे फरवरी 2024 से अप्रैल 2025 के बीच हुई कुल 14 बोर्ड बैठकों में स्वयं उपस्थित नहीं रहीं। आरोप है कि उन्होंने एक अन्य व्यक्ति को ऑडियो कॉल के माध्यम से बैठक में शामिल किया, जिसे उन्होंने अपनी "वर्चुअल उपस्थिति" बताया।
मुख्य विकास अधिकारी द्वारा की गई जांच में यह स्पष्ट हुआ कि यह व्यवहार नगर पालिका अधिनियम, 1916 के प्रावधानों का उल्लंघन है। जिलाधिकारी शाहजहांपुर ने इस संबंध में शासन को रिपोर्ट भेजी है, जिसमें कारण बताओ नोटिस जारी करने और आगे की विधिसम्मत कार्रवाई की संस्तुति की गई है।
मुजफ्फरनगर: महिला अधीनस्थ से दुर्व्यवहार, कार्यों में जानबूझकर बाधा
नगर पालिका परिषद, मुजफ्फरनगर में कार्यरत कर निर्धारण अधिकारी दिनेश कुमार के खिलाफ महिला अधीनस्थ से दुर्व्यवहार, वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना, और जानबूझकर कार्यों में बाधा उत्पन्न करने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।
इस मामले में अनुशासन एवं अपील नियमावली, 1999 तथा पुलिस अधिनियम, 1966 के अंतर्गत कार्यवाही शुरू की गई है। सहारनपुर मंडल के अपर आयुक्त (प्रशासन) को जांच अधिकारी नामित किया गया है। विभागीय जांच प्रारंभ कर दी गई है।
अलीगढ़: उप नगर आयुक्त की लगातार अनुपस्थिति और प्रशासनिक लापरवाही
नगर निगम अलीगढ़ में तैनात उप नगर आयुक्त अमित कुमार सिंह पर आरोप है कि वे बिना अनुमति लगातार कार्यालय से अनुपस्थित रहे। इसके साथ ही गृहकर वसूली, जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्रों का निर्गमन, अतिक्रमण नियंत्रण और सफाई व्यवस्था जैसे प्रशासनिक कार्यों में लापरवाही बरती गई।
इस गंभीर मामले में शासन ने राज्य सेवा नियमावली 1966 और अनुशासन नियमावली 1999 के तहत अलीगढ़ मंडल के अपर आयुक्त (प्रशासन) को जांच अधिकारी नियुक्त किया है।
शासन की स्पष्ट मंशा: सुशासन के लिए सख्त निगरानी और जवाबदेही
नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने बताया कि प्रदेश सरकार नगर निकायों में कार्यरत अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। सभी शिकायतों की निष्पक्ष जांच कर दोषी अधिकारियों पर नियमों के अनुरूप सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इन मामलों से स्पष्ट संकेत मिलता है कि योगी सरकार प्रशासनिक ढांचे में अनुशासन और पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। यह केवल संकेत नहीं, कार्यवाही का वास्तविक रूप है — जिसमें अब लापरवाही, मनमानी या उपेक्षा की कोई जगह नहीं छोड़ी जाएगी।
भारतवर्ष समाचार पर हम ऐसे ही प्रशासनिक फैसलों और ज़मीनी हकीकत को आपके सामने निर्भीकता से लाते रहेंगे।
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