top of page

बचपन लहूलुहान, गाड़ियां तहस-नहस — सिस्टम अब भी ‘ब्रेक’ पर“सड़कें जब डराने लगें, तो सवाल सिर्फ ट्रैफिक का नहीं, नीयत और निगरानी का होता है”

  • bharatvarshsamaach
  • Jul 18
  • 2 min read
सरकारी लापरवाही की एक और तस्वीर: अमरोहा में बेकाबू बस ने मचाया तांडव"
सरकारी लापरवाही की एक और तस्वीर: अमरोहा में बेकाबू बस ने मचाया तांडव"
"मौके पर पहुंची पुलिस ने संभाली स्थिति, चालक हिरासत में"
"मौके पर पहुंची पुलिस ने संभाली स्थिति, चालक हिरासत में"

अमरोहा।

शहर की सड़कों पर एक बार फिर से सरकारी लापरवाही का चेहरा उजागर हुआ, जब मुरादाबाद डिपो की एक रोडवेज बस ने जोया रोड पर कचहरी के पास खड़ी छह बाइकों और एक कार को जोरदार टक्कर मार दी। इस हादसे में मस्जिद जा रहे 10 वर्षीय उनेस और उनके पिता मोहम्मद इस्माइल गंभीर रूप से घायल हो गए।


यह घटना शुक्रवार दोपहर लगभग एक बजे की है, जब यह बेकाबू बस अचानक विपरीत दिशा से आई और सड़क किनारे खड़े वाहनों को रौंदते हुए आगे निकल गई।


चालक पर नशे में होने का आरोप, भीड़ ने की पिटाई


स्थानीय लोगों का आरोप है कि बस चालक नशे में था। हादसे के बाद गुस्साए लोगों ने चालक को पकड़कर पीट दिया। वहीं, घटनास्थल पर अफरातफरी का माहौल बन गया और कई लोग भय के कारण इधर-उधर भागते दिखे।


बस में नहीं थी सवारी, फिर भी नहीं था नियंत्रण


घटना के समय बस पूरी तरह खाली थी, बावजूद इसके चालक ने वाहन पर नियंत्रण खो दिया। यह सवाल उठाता है कि जब बिना दबाव के भी रोडवेज बस बेकाबू हो सकती है, तो आम दिनों में यात्रियों की सुरक्षा किस भरोसे पर है?


पुलिस ने संभाली स्थिति, चालक हिरासत में


सूचना पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह भीड़ को शांत किया और घायल पिता-पुत्र को जिला अस्पताल भेजा। पुलिस ने बस चालक को हिरासत में लिया है और उसका मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है। दुर्घटनाग्रस्त सभी वाहनों को हटाकर यातायात सामान्य कर दिया गया है।


कब जागेगा सिस्टम?


भारतवर्ष समाचार की टीम का यह स्पष्ट सवाल है कि रोडवेज जैसे विभाग में अब भी मेडिकल फिटनेस, ड्राइविंग अनुशासन और निगरानी व्यवस्था क्यों नाकाम नजर आ रही है?


क्या विभागीय अधिकारियों की ज़िम्मेदारी तय की जाएगी, या फिर यह हादसा भी बाकी मामलों की तरह फाइलों में दफन हो जाएगा?


स्थानीयों की मांग: कार्रवाई हो, दिखावे नहीं


घटनास्थल पर मौजूद लोगों और दुकानदारों ने प्रशासन से मांग की है कि रोडवेज विभाग में कठोर कदम उठाए जाएं, ताकि ऐसे लापरवाह चालक दोबारा सड़कों पर न उतर सकें।



Tagline (प्रभावशाली समापन पंक्ति):

“सड़कें जब डराने लगें, तो सवाल सिर्फ ट्रैफिक का नहीं, नीयत और निगरानी का होता है”



संपर्क: 9410001283

वेबसाइट: www.bharatvarshsamachar.org

 
 
 

Comments


Top Stories

bottom of page