बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा की चेतावनी: एक माह में जांच न हुई तो सीएम और मंत्रियों का पुतला दहन
- bharatvarshsamaach
- Sep 13
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रिपोर्टर: मोहम्मद कलाम कुरैशी, झांसी
स्थान : झाँसी, उत्तर प्रदेश
बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा ने झांसी मंडल में फैल रहे भ्रष्टाचार, अवैध खनन और सरकारी योजनाओं में भारी अनियमितताओं को लेकर कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। शनिवार को मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने मण्डल आयुक्त को विस्तृत शिकायती पत्र सौंपा। पत्र में कई विभागों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए गए और चेतावनी दी गई कि यदि एक माह के भीतर जांच पूरी नहीं हुई तो मुख्यमंत्री सहित संबंधित मंत्रियों का पुतला फूंका जाएगा और तीव्र आंदोलन छेड़ा जाएगा।
अवैध खनन पर कार्रवाई न होने से नाराजगी
पत्र में उल्लेख किया गया कि विधानसभा के सभापति ने हाल ही में झांसी सर्किट हाउस क्षेत्र में अवैध माइनिंग का मुद्दा उठाया था। इसके बावजूद अवैध खनन में शामिल विभागों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।भानू सहाय ने कहा कि मंडल में बालू, मुरम और गिट्टी का अवैध खनन खुलेआम जारी है और संबंधित विभाग चुप्पी साधे बैठे हैं। यह सरकार और प्रशासन की नाकामी है।
हर घर जल योजना:
मोर्चा ने हर घर जल योजना के तहत लगाए गए नलों (टोटियों) की संख्या और उनकी खरीद की जांच की मांग की।अधिकारियों का यह बयान कि "लोग टोटियां चुरा ले गए" पर भानू सहाय ने कहा –
“यह बयान बुंदेलखंड की जनता का सीधा अपमान है। अधिकारी अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए जनता पर झूठा आरोप लगा रहे हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
स्मार्ट सिटी परियोजनाओं में 300 करोड़ का भ्रष्टाचार?
मोर्चा ने पत्र में कहा कि झांसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा किए गए सभी कार्यों का भौतिक सत्यापन कराया जाए।महापौर ने स्वयं लगभग 300 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार की बात सार्वजनिक रूप से कही है। इसके बावजूद अब तक कोई जांच नहीं की गई।साथ ही नगर निगम पर आरोप लगाया गया कि सही-सलामत पाथवे, डिवाइडर और सड़कों को तोड़कर दोबारा निर्माण कराया जा रहा है, जिससे जनता के पैसे की बर्बादी हो रही है। मोर्चा ने मांग की कि इसकी जांच एक स्वतंत्र टीम से कराई जाए जिसमें नगर निगम के अधिकारी शामिल न हों।
वृक्षारोपण घोटाला:
वन विभाग पर आरोप लगाया गया कि उसने वर्ष 2023, 2024 और 2025 में फर्जी आंकड़े दिखाकर वृक्षारोपण दर्शाया।जिलाधिकारी भी लगातार बैठकों में जियो टैगिंग को लेकर सवाल उठाते रहे हैं। मोर्चा ने इसे एक बड़ा भ्रष्टाचार करार देते हुए कड़ी जांच की मांग की।
कैमासन का पहाड़ और अवैध नर्सिंग होम्स का मुद्दा
मोर्चा ने कैमासन के पहाड़ (जो 55 एकड़ नजूल भूमि के रूप में दर्ज है) की पैमाइश कर उसे संरक्षित करने की मांग की।साथ ही झांसी मंडल में धड़ल्ले से चल रहे अवैध नर्सिंग होम्स पर सवाल उठाए।मोर्चा का आरोप है कि जिन नर्सिंग होम्स में न फायर सेफ्टी है, न नक्शा पास है, न ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी – उन्हें भी मान्यता दे दी गई है। यह गंभीर लापरवाही है और इसकी भी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
आंदोलन की चेतावनी: "मोर्चा चुप नहीं बैठेगा"
भानू सहाय ने कहा कि बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा जनता की आवाज उठाने के लिए बाध्य है। यदि एक माह के भीतर इन सभी मामलों की जांच पूरी नहीं होती, तो मोर्चा न चाहते हुए भी सड़कों पर उतरकर मुख्यमंत्री सहित संबंधित मंत्रियों का पुतला दहन करेगा।उन्होंने कहा –
“अब बुंदेलखंड के लोग चुप नहीं बैठेंगे। भ्रष्टाचार और लूट को रोकने के लिए मोर्चा सीधी कार्रवाई करेगा। यदि प्रशासन और सरकार ने आंखें मूंदे रखीं तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मंडल आयुक्त और संबंधित विभागों की होगी।”
मौके पर मौजूद रहे
शिकायती पत्र सौंपने के दौरान मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय के साथ रघुराज शर्मा, प्रदीप झा, गिरजा शंकर राय, हनीफ खान सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे
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