मुरादाबाद पुलिस ने साइबर ठगी का किया बड़ा खुलासा, महिला गिरफ्तार
- bharatvarshsamaach
- Sep 10
- 2 min read
रिपोर्टर : मनोज कुमार |
स्थान : मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश
भारतवर्ष समाचार ब्यूरो |
मुरादाबाद पुलिस ने साइबर क्राइम की दुनिया से जुड़ा एक बड़ा खुलासा किया है। पुलिस ने एक महिला को गिरफ्तार किया है, जिसने खुद को कस्टम अधिकारी बताकर मुरादाबाद की एक महिला को करोड़ों रुपये की ठगी का शिकार बनाया। इस मामले ने न केवल जिले बल्कि पूरे प्रदेश में साइबर ठगों की गहरी जड़ें उजागर कर दी हैं।
कैसे हुई ठगी?
31 अगस्त को मुरादाबाद की रहने वाली एक महिला ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई। पीड़िता ने बताया कि आरोपी ने खुद को आरव सिंह नामक व्यक्ति बताकर अमेरिका से पार्सल भेजे जाने की बात कही।
बाद में विभिन्न मोबाइल नंबरों से कॉल कर खुद को कस्टम अधिकारी बताया गया और कहा गया कि पार्सल में सोना व अन्य कीमती सामान है। इसके बाद पीड़िता को धमकी दी गई कि उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसा दिया जाएगा। मुकदमे से बचाने के नाम पर पीड़िता से 94 लाख 78 हजार रुपये ठग लिए गए।
पुलिस की कार्रवाई
शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने साइबर ठगी के इस मामले में दिल्ली से आरोपी महिला कोनसम सुनीता पुत्री कोनसम जॉन (निवासी — चंदेल, मणिपुर) को गिरफ्तार कर लिया।
बरामद सामान
गिरफ्तारी के दौरान आरोपी के पास से भारी मात्रा में सामग्री बरामद हुई:
1 लैपटॉप
8 मोबाइल फोन
9 एटीएम कार्ड
2 चेकबुक
1 पासबुक
6 सिम कार्ड
₹20,570 नकद
पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे
एसपी क्राइम सुभाष चंद्र गंगवार ने बताया कि पूछताछ में आरोपी ने बड़ा खुलासा किया। सुनीता ने बताया कि नौकरी की तलाश के दौरान उसकी मुलाकात उत्तमनगर (दिल्ली) के एक युवक से हुई थी, जिसने उसे साइबर फ्रॉड के बारे में बताया और कम समय में ज्यादा पैसा कमाने का लालच दिया।
इसके बाद उसने गिरोह के साथ मिलकर काम शुरू कर दिया। इसका मुख्य काम था— पूर्वोत्तर के लोगों के बैंक खाते खुलवाना और उनका इस्तेमाल ठगी के लिए करना। आरोपी ने यह भी स्वीकार किया कि पैसा निकालने और पीड़ितों को धमकाने का काम गिरोह के अन्य सदस्य करते थे।
पुलिस की मानें तो आरोपी का पहले से भी आपराधिक इतिहास रहा है।
पुलिस की चेतावनी
मुरादाबाद पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि किसी भी अनजान कॉल या पार्सल के झांसे में न आएं। यदि कोई संदिग्ध कॉल या संदेश प्राप्त हो, तो तुरंत नजदीकी साइबर क्राइम थाना या हेल्पलाइन नंबर पर इसकी सूचना दें।
निष्कर्ष:
यह मामला साफ़ करता है कि साइबर अपराधी लगातार नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठग रहे हैं। जागरूकता और सतर्कता ही इस तरह की घटनाओं से बचने का सबसे बड़ा हथियार है।
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भारतवर्ष समाचार ब्यूरो
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