यूपी में बैंड-बाजा भी बना राजनीति का नया हथियार, संभल से SP विधायक इक़बाल महमूद का बड़ा बयान
- bharatvarshsamaach
- Aug 23
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रिपोर्ट – प्रदीप मिश्रा,संभल | भारतवर्ष समाचार ब्यूरो
उत्तर प्रदेश की सियासत में धर्म और जाति की बहस तो अक्सर होती रहती है, लेकिन अब मामला बैंड-बाजा तक पहुँच गया है। ताज़ा विवाद मुस्लिम बैंड वालों के राम, श्याम और लक्ष्मण जैसे नाम रखने को लेकर शुरू हुआ है, जिस पर समाजवादी पार्टी (SP) के विधायक इक़बाल महमूद ने बीजेपी पर तीखा हमला बोला है।
इक़बाल महमूद का सीधा वार – "2014 के बाद बस 80-20 की राजनीति"
संभल से सपा विधायक इक़बाल महमूद ने कहा कि बीजेपी लगातार समाज को बाँटने का काम कर रही है। उन्होंने कहा – “मुसलमान अगर देवी-देवताओं के नाम ले रहे हैं, तो इसमें दिक्कत क्यों? लेकिन 2014 के बाद से हर चीज़ को 80-20 की राजनीति में बदल दिया गया है।”
शिक्षा मंत्री गुलाबो देवी पर भी साधा निशाना
इक़बाल महमूद ने प्रदेश की शिक्षा मंत्री गुलाबो देवी को भी घेरा और कहा – “गुलाबो देवी भी उसी 80-20 की लाइन में खड़ी नज़र आ रही हैं। सद्भाव की बातें करने वाले भी अब सिर्फ नाम को लेकर राजनीति करने लगे हैं।”
मौलाना रिज़वी के बयान पर करारा जवाब
बरेली के मौलाना रिज़वी ने हाल ही में कहा था कि “इस्लाम में बैंड-बाजा हराम है।” इस पर इक़बाल महमूद ने पलटवार किया – “कोर्ट ने बैंड-बाजे का नाम बदलने पर कोई रोक नहीं लगाई है। अगर मुसलमान राम-श्याम-लक्ष्मण नाम रखते हैं तो इसमें हंगामा क्यों?”
बैंड-बाजा बना सियासत का ढोल
राजनीतिक हलकों में कहा जा रहा है कि बैंड-बाजा अब चुनावी मुद्दा बनता जा रहा है। 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले इस तरह के विवादों को हवा दी जा रही है। इक़बाल महमूद ने साफ कहा कि जनता विकास और रोजगार चाहती है, लेकिन सत्ता पक्ष ध्यान भटकाने के लिए ऐसे मुद्दे उठा रहा है।
निष्कर्ष
संभल के इस विवाद ने यूपी की सियासत में नया मोड़ ला दिया है। अब देखना यह होगा कि बैंड-बाजे का यह "ढोल" आने वाले चुनाव में किसके हक़ में बजेगा और किसके खिलाफ़।
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भारतवर्ष समाचार ब्यूरो
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