शाही जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर विवाद! अब 25 सितंबर को होगी अगली सुनवाई!!
- bharatvarshsamaach
- Aug 28
- 2 min read
Updated: Aug 29
स्थान : संभल (उत्तर प्रदेश) –
रिपोर्टर : प्रदीप मिश्रा | भारतवर्ष समाचार
उत्तर प्रदेश का संभल जिला एक बार फिर से सुर्खियों में है। लंबे समय से चले आ रहे शाही जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर विवाद में गुरुवार को चंदौसी स्थित सिविल जज (सीनियर डिविजन) आदित्य सिंह की अदालत में सुनवाई होनी थी, लेकिन अदालत ने अब अगली तारीख 25 सितंबर 2025 तय कर दी है।
मामला क्या है?
यह विवाद बेहद संवेदनशील माना जा रहा है। मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट तक पहुंच चुकी थी। हाईकोर्ट ने 19 मई 2025 को ट्रायल कोर्ट के सर्वे आदेश को बरकरार रखते हुए मामले को निचली अदालत में सुनवाई के लिए भेज दिया था।
गुरुवार को इस केस की सुनवाई होनी थी, लेकिन जानकारी सामने आई कि सुप्रीम कोर्ट में इस केस पर स्टे आदेश लागू है। इसी वजह से कार्यवाही स्थगित कर दी गई और अब अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी।
दोनों पक्षों की दलीलें
मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता शकील अहमद वारसी ने कहा –
“आज सुनवाई होनी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट में स्टे होने के कारण अदालत ने अगली तारीख 25 सितंबर तय की है।”
वहीं हिंदू पक्ष के अधिवक्ता गोपाल शर्मा ने कहा –
“अब अदालत इस मामले की सुनवाई 25 सितंबर को करेगी और उम्मीद है कि जल्द फैसला सामने आएगा।”
विवाद की जड़
यह विवाद सबसे पहले 19 नवंबर 2024 को सुर्खियों में आया, जब हिंदू पक्ष की ओर से अधिवक्ता हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन समेत आठ लोगों ने दावा पेश करते हुए याचिका दाखिल की। अदालत के आदेश पर 19 नवंबर और 24 नवंबर को मस्जिद का सर्वे किया गया।
लेकिन 24 नवंबर 2024 का दिन संभल के लिए भयावह साबित हुआ। सर्वे के दौरान भीषण बवाल भड़क गया, जिसमें चार लोगों की मौत हुई और 29 पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालात इतने बिगड़े कि पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी और सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली समेत हजारों लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया।
अब अगली तारीख पर नज़र
इस पूरे विवाद पर अब सभी की नज़र 25 सितंबर 2025 को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी है। यह देखना अहम होगा कि अदालत इस संवेदनशील मसले पर आगे क्या रुख अपनाती है।
⸻
भारतवर्ष समाचार ब्यूरो
संपर्क: 9410001283
वेबसाइट: www.bharatvarshsamachar.org













Comments