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संभल नाम पर सियासी संग्राम: भीम नगर बनाम कल्कि नगर, या फिर रहेगा संभल?

  • bharatvarshsamaach
  • Sep 29
  • 2 min read



 रिपोर्ट: प्रदीप मिश्रा, संभल

स्थान : संभल, उत्तर प्रदेश |


उत्तर प्रदेश की राजनीति में शहरों और जिलों के नाम बदलना कोई नया मुद्दा नहीं है। भाजपा हो, सपा या बसपा—हर सरकार ने अपने समय में नाम बदलकर राजनीति को गरमाने का काम किया है। अब इसी कड़ी में संभल सुर्खियों का केंद्र बन गया है।


बीएसपी की मांग – “संभल बने भीम नगर

28 सितंबर 2011 को बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने संभल को जिला बनाने का ऐलान किया था। इसी घोषणा की वर्षगांठ पर बसपा कार्यकर्ताओं ने केक काटकर जश्न मनाया और जोर देकर कहा कि 2027 में अगर बसपा की सरकार बनी तो संभल का नाम बदलकर “भीम नगर” कर दिया जाएगा।


बसपा जिलाध्यक्ष जितेंद्र सिंह और पूर्व जिलाध्यक्ष संसार सिंह ने कहा कि महापुरुषों का सम्मान केवल भाषणों से नहीं, बल्कि जिलों और शहरों को उनके नाम पर रखकर किया जा सकता है। उनका तर्क है कि डॉ. भीमराव अंबेडकर की विचारधारा को सही मायनों में सम्मान देने के लिए संभल को भीम नगर कहा जाना चाहिए।


मंत्री गुलाब देवी की दलील

वहीं दूसरी ओर, योगी सरकार की राज्य मंत्री गुलाब देवी ने संभल को धार्मिक आस्था से जोड़ते हुए कहा कि यह वही धरती है, जहाँ भगवान विष्णु के दसवें अवतार “कल्कि” के प्रकट होने की मान्यता है।उनका कहना है कि जिले की असली पहचान इसकी धार्मिक आस्था से जुड़ी है, इसलिए इसका नाम “कल्कि नगर” होना चाहिए।


स्थानीय जनता की राय

राजनीतिक बयानबाज़ी के बीच स्थानीय जनता की राय भी अलग-अलग सामने आ रही है।कई लोग मानते हैं कि नाम बदलना केवल राजनीति की चाल है और असली इतिहास से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। उनका कहना है कि संभल का अपना गौरवशाली इतिहास है और इसे अपनी मौजूदा पहचान के साथ ही बनाए रखना चाहिए।


नाम बदलने की राजनीति – पुरानी परंपरा

उत्तर प्रदेश में नाम बदलना हमेशा से एक राजनीतिक परंपरा रही है।

  • भाजपा ने कई शहरों के नाम बदले,

  • सपा सरकार ने भी जिलों को नया नाम दिया,

  • वहीं मायावती की सरकार ने भी अपने समय पर यही कदम उठाए थे।

अब संभल भी इस नाम बदलने की राजनीति का अहम हिस्सा बन चुका है।


बड़ा सवाल

तो आखिर संभल की पहचान किस नाम से होगी—

भीम नगर (बसपा का सपना)

कल्कि नगर (योगी सरकार की मंत्री की मांग)

या फिर अपनी असली पहचान संभल से ही?


यह फैसला आने वाले चुनावी समीकरणों और जनता की भावनाओं पर निर्भर करेगा। लेकिन इतना साफ है कि संभल अब सिर्फ़ भूगोल का नाम नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की राजनीति का बड़ा मुद्दा बन गया है।


बाइट्स

  • “संभल बने भीम नगर, यही हमारे महापुरुषों का सम्मान है।” – जितेंद्र सिंह, बसपा जिलाध्यक्ष

  • “2027 में बसपा की सरकार बनेगी तो संभल का नाम भीम नगर रखा जाएगा।” – संसार सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष, बसपा

  • “यह भूमि भगवान विष्णु के कल्कि अवतार से जुड़ी है, इसलिए इसका नाम कल्कि नगर होना चाहिए।” – गुलाब देवी, राज्य मंत्री, योगी सरकार


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 भारतवर्ष समाचार  ब्यूरो

 संपर्क: 9410001283

 वेबसाइट: www.bharatvarshsamachar.org

 
 
 

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