संभल: प्राचीन कुआं अतिक्रमण से आज़ाद, तहसील प्रशासन ने बुलडोज़र चलाकर दिलाई पहचान
- bharatvarshsamaach
- Sep 4
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रिपोर्टर: प्रदीप मिश्रा | संभल , उत्तर प्रदेश
भारतवर्ष समाचार ब्यूरो
जिले के सदीरनपुर गांव में स्थित सैकड़ों साल पुराना प्राचीन कुआं, जो वर्षों से अतिक्रमण और उपेक्षा की भेंट चढ़कर गुमनामी में खो गया था, अब दोबारा अपनी असली पहचान में लौट आया है। तहसील प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण ध्वस्त कराया और बुलडोज़र चलाकर कुएं को कूड़े-कचरे से खाली कराया।
कुएं का अस्तित्व हो गया था मिट्टी में दफ़्न
ग्रामीणों की लापरवाही के कारण कुएं को धीरे-धीरे कूड़ा डालकर पाट दिया गया था। देखते-देखते कुएं का अस्तित्व मिट गया और वह एक साधारण मैदान जैसा नज़र आने लगा। लेकिन तहसील प्रशासन की निगरानी में यह ऐतिहासिक धरोहर फिर से सामने आ गई।
अब जनता के हित में उपयोग होगा कुआं
एसडीएम विकास चंद्र ने बताया कि कुआं अब पूरी तरह जनता के लिए उपलब्ध रहेगा। उन्होंने कहा –"प्रशासन का उद्देश्य है कि प्राचीन धरोहरों को सुरक्षित रखकर उन्हें सार्वजनिक उपयोग में लाया जाए। यह कुआं अब गांव और आस-पास के लोगों के हित में उपयोगी साबित होगा।"
धरोहरों को बचाने की मुहिम
संभल प्रशासन तीर्थ स्थलों, प्राचीन कुओं और कूपों को पुनर्जीवित करने की दिशा में लगातार काम कर रहा है। इस मुहिम का मकसद न सिर्फ इतिहास को जीवित रखना है बल्कि आमजन को भी उसका लाभ दिलाना है।
ग्रामीणों में खुशी और राहत
गांव में प्राचीन कुएं के दोबारा जीवित होने से ग्रामीणों में खुशी का माहौल है। ग्रामीणों ने प्रशासन की इस कार्रवाई को सराहनीय कदम बताते हुए कहा कि अब उनकी आने वाली पीढ़ियां भी इस धरोहर को देख सकेंगी।
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