JDS के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को बलात्कार के मामले में उम्रकैद, विशेष अदालत का बड़ा फैसला
- bharatvarshsamaach
- Aug 2
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नई दिल्ली
02 अगस्त 2025
रिपोर्ट: भारतवर्ष समाचार ब्यूरो
जन प्रतिनिधित्व की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले एक गंभीर मामले में, JDS (जनता दल सेक्युलर) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को बेंगलुरु की विशेष अदालत ने बलात्कार का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास (उम्रकैद) की सजा सुनाई है। अदालत ने यह फैसला भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2) और 376(2)(N) के तहत सुनाया।
क्या है पूरा मामला?
पूर्व सांसद और हासन क्षेत्र से चुने गए प्रज्वल रेवन्ना पर एक महिला ने लंबे समय तक यौन शोषण करने और बलात्कार का आरोप लगाया था। विशेष अदालत ने 1 अगस्त को उन्हें दोषी करार दिया था और अब 2 अगस्त को सजा की घोषणा करते हुए उन्हें उम्रकैद की सज़ा दे दी गई।
जुर्माना और मुआवज़ा भी तय
कोर्ट ने रेवन्ना पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा, पीड़िता को 7 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया गया है। यह जुर्माना अगर निर्धारित समय में नहीं चुकाया गया तो सजा में अतिरिक्त समय जोड़ा जा सकता है।
भावुक हुए रेवन्ना
सजा सुनते ही कोर्ट रूम में मौजूद रेवन्ना visibly भावुक हो गए। उनकी पार्टी JDS की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते और पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी के भतीजे हैं, जिससे यह मामला और भी राजनीतिक रूप से संवेदनशील बन गया है।
विशेष अदालत का फैसला ऐतिहासिक
यह फैसला बेंगलुरु स्थित विशेष अदालत द्वारा दिया गया, जो जनप्रतिनिधियों से जुड़े आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए गठित की गई है। न्यायाधीश ने स्पष्ट किया कि जन प्रतिनिधियों से अपेक्षा की जाती है कि वे उच्च नैतिक मानदंडों का पालन करें — और जब वे स्वयं कानून तोड़ते हैं, तो न्याय कठोर होना ही चाहिए।
सार्वजनिक प्रतिक्रिया
इस फैसले के बाद कर्नाटक की राजनीति में हलचल मच गई है। महिला अधिकार संगठनों ने कोर्ट के इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे “राजनीति में जवाबदेही की संस्कृति” को बल मिलेगा।
निष्कर्ष:
JDS नेता प्रज्वल रेवन्ना को मिली उम्रकैद की सजा एक बड़ा संदेश है — न केवल राजनेताओं को, बल्कि पूरे समाज को, कि अपराध चाहे किसी भी स्तर पर हो, कानून सभी के लिए समान है।
पीड़िता को 7 लाख रुपये का मुआवजा और दोषी को कठोर दंड — यह अदालत द्वारा दिया गया सशक्त न्याय का उदाहरण है।
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लेखक: भारतवर्ष समाचार संवाददाता
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