SP सांसद बर्क का आरएसएस पर बड़ा वार: “कथनी-करनी में फासला, बांटने वालों को सबक सिखाना होगा”
- bharatvarshsamaach
- Oct 2
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संभल (उत्तर प्रदेश)
रिपोर्ट: प्रदीप मिश्रा
भारतवर्ष समाचार ब्यूरो |
संभल: समाजवादी पार्टी (SP) के सांसद ज़ियाउर्रहमान बर्क ने आरएसएस के 100 साल पूरे होने के मौके पर संघ और उसके कुछ अनुयायियों पर सीधे-सीधे हमला किया। उन्होंने कहा कि संघ के कुछ लोग प्रमुख के निर्देशों की अवहेलना कर माहौल बिगाड़ रहे हैं, जिससे देश और समाज के लिए चिंता पैदा हो रही है।
सांसद बर्क का यह बयान बुधवार रात अपने आवास पर दशहरे के मौके पर आया। उन्होंने इसे भावनात्मक अंदाज में पेश किया और कहा कि नफरत, संकीर्णता और बंटवारे की मानसिकता को जड़ से मिटाना होगा।
कथनी और करनी में फासला
सांसद बर्क ने आरएसएस और भाजपा के बीच अनुशासन और व्यवहार पर सवाल उठाया। उन्होंने मीडिया से कहा:
“आरएसएस के प्रमुख कहते हैं कि हर मस्जिद के नीचे शिवलिंग मत ढूंढो, लेकिन उनके कुछ लोग लगातार इसी मुद्दे को उठाकर माहौल बिगाड़ते हैं। यही दिखाता है कि कथनी और करनी में बड़ा फर्क है। संघ एक संस्था है और भाजपा उसकी शाखा, लेकिन नीचे के लोग अपने प्रमुख की बात मानते नहीं। यही अनुशासन का अभाव और देश के लिए चिंता की बात है।”
बर्क ने स्पष्ट किया कि उनका मकसद किसी व्यक्ति या संगठन का अपमान करना नहीं है, बल्कि देश और समाज में सकारात्मक बदलाव, भाईचारा और एकता लाना है।
दशहरे पर विशेष संदेश
बर्क ने दशहरे के मौके पर कहा:
“जैसे हर साल रावण का पुतला जलाया जाता है, वैसे ही अपने दिलों से भी ‘रावण’ यानी नफरत, संकीर्णता और बंटवारे की मानसिकता को जड़ से मिटाना होगा। अगर लोग सच में देशभक्त हैं, तो उन्हें सिर्फ अपने धर्म या समाज के लिए नहीं, बल्कि सर्वधर्म कल्याण और समाज की भलाई के लिए काम करना चाहिए।”
सांसद ने सभी धर्मों और समाज के लोगों से भाईचारा, सहयोग और समानता के साथ त्यौहार मनाने की अपील की। उन्होंने जोर दिया कि पड़ोसी चाहे किसी भी धर्म का हो, उसकी मदद करना हर देशवासी की जिम्मेदारी है।
नफरत और बांटने वाली राजनीति पर चेतावनी
बर्क ने कहा:
“जो लोग धर्म के नाम पर देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें बेनकाब करना होगा। सबको मिलकर देश की तरक्की के लिए काम करना चाहिए, और जो बांटना चाहते हैं, उनका बायकाट होना चाहिए।”
उन्होंने दोहराया कि उनका मकसद केवल देश और समाज में एकता और भाईचारा लाना है, न कि किसी धर्म या समुदाय के खिलाफ बोलना।
विश्लेषण
बर्क का यह बयान आरएसएस की नीतियों और अनुशासन पर सवाल उठाता है।
सांसद ने नफरत और बंटवारे के खिलाफ स्पष्ट संदेश दिया।
उन्होंने धर्म और समाज के बीच सहयोग, सर्वधर्म कल्याण और देशभक्ति पर जोर दिया।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह बयान सामाजिक सामंजस्य और भाईचारे के महत्व को रेखांकित करता है और राजनीतिक समूहों के बीच अनुशासन की आवश्यकता को उजागर करता है।
निष्कर्ष
सांसद ज़ियाउर्रहमान बर्क ने दशहरे के मौके पर सकारात्मक संदेश, भाईचारा और एकता पर जोर देते हुए धर्म और राजनीति के बीच संतुलन बनाए रखने की अपील की। उनका बयान दर्शाता है कि सामाजिक और राजनीतिक संस्थाओं को कथनी और करनी में तालमेल बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है।
रिपोर्टर नोट
बाइट्स: ज़ियाउर्रहमान बर्क, SP सांसद
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