चिरगांव थाने के एसआई रविकांत गोस्वामी और साथी पर महिला कांस्टेबल ने लगाया दुष्कर्म का आरोप
- bharatvarshsamaach
- Jul 24
- 2 min read

स्थान: झांसी-मथुरा
रिपोर्टर: मोहम्मद कलाम कुरैशी, झांसी
घटना का संक्षिप्त विवरण
झांसी पुलिस विभाग से एक शर्मनाक मामला सामने आया है, जहां झांसी में तैनात एक महिला कांस्टेबल ने चिरगांव थाने में कार्यरत उपनिरीक्षक (SI) रविकांत गोस्वामी और उसके मित्र दीक्षांत शर्मा के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, मारपीट और ब्लैकमेलिंग जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।
इस संबंध में पीड़िता ने मथुरा के जमुनापार थाने में एक विस्तृत एफआईआर दर्ज कराई है, जिसकी जांच सीओ सदर संदीप कुमार द्वारा की जा रही है।
पीड़िता की आपबीती: कैसे रची गई साजिश?
महिला कांस्टेबल, जो वर्तमान में झांसी में कार्यरत है, ने पुलिस को बताया कि17-18 फरवरी 2023 की रात उनके घर पर शादी का आयोजन था। उसी अवसर पर चिरगांव थाने में तैनात SI रविकांत गोस्वामी भी आमंत्रित था।
पीड़िता के मुताबिक,
रात में रविकांत ने उसे गेस्ट हाउस बुलाया।
जूस में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे बेहोश किया गया।
बेहोशी की हालत में दुष्कर्म किया गया, और उसका आपत्तिजनक वीडियो व फोटो भी बना लिए गए।
मुरादाबाद में दोबारा हुआ शोषण
बेहद चौंकाने वाला खुलासा यह भी है कि कुछ समय बाद आरोपी दरोगा ने पीड़िता को मुरादाबाद बुलाया, जहाँ उसने अपने मित्र दीक्षांत शर्मा के साथ मिलकर होटल में सामूहिक दुष्कर्म किया।
दोनों आरोपियों ने उस वीडियो के माध्यम से पीड़िता को लगातार ब्लैकमेल किया।
वीडियो वायरल करने की धमकी देते हुए शारीरिक और मानसिक शोषण जारी रखा गया।
एफआईआर में लगे आरोप:
पीड़िता की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ निम्न गंभीर धाराओं में मामला दर्ज हुआ है:
धारा 376D – सामूहिक बलात्कार
धारा 328 – विष देकर अपराध करना
धारा 354 – महिला की लज्जा भंग करना
धारा 506 – जान से मारने की धमकी
आईटी एक्ट की धाराएं – वीडियो और तस्वीरें वायरल करने की धमकी
पुलिस का पक्ष और कार्रवाई की स्थिति
मथुरा के सीओ सदर संदीप कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि:
“मामला बेहद गंभीर है। महिला कांस्टेबल की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की विस्तृत जांच की जा रही है और आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।”
झांसी पुलिस और मथुरा पुलिस के बीच इस मामले में समन्वय बनाकर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है। आरोपी दरोगा की सेवा पुस्तिका और विभागीय इतिहास की भी जांच की जा रही है।
क्या है इस मामले का व्यापक प्रभाव?
यह घटना केवल एक महिला कर्मचारी के साथ अत्याचार का मामला नहीं, बल्कि पूरे पुलिस महकमे की आंतरिक संरचना और अनुशासन पर सवाल खड़े करती है। यदि किसी महिला कांस्टेबल को खुद के विभाग में सुरक्षा महसूस नहीं होती, तो आम नागरिकों का विश्वास इस तंत्र पर कैसे कायम रह सकता है?
अब क्या होगा आगे?
मेडिकल जांच और डिजिटल सबूतों की जांच की जा रही है।
आरोपी की गिरफ्तारी की तैयारी में मथुरा पुलिस की टीमें सक्रिय हैं।
महिला कांस्टेबल को मानसिक परामर्श और कानूनी सुरक्षा दी जा रही है।
निष्कर्ष
एक जिम्मेदार पुलिस विभाग की यह जिम्मेदारी बनती है कि ऐसे मामलों में पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए त्वरित, निष्पक्ष और प्रभावी कार्रवाई की जाए। इस केस की निष्पक्ष जांच और उचित न्याय देश भर के पुलिस महकमे की साख के लिए भी ज़रूरी है।
⸻
रिपोर्टर:
भारतवर्ष समाचार
संपर्क: 9410001283
वेबसाइट: www.bharatvarshsamachar.org













Comments