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झाँसी के खटिकयाना में काली जी के आगमन पर डॉ. संदीप सरावगी ने किया भव्य स्वागत

  • bharatvarshsamaach
  • Sep 22
  • 2 min read
मां काली के आगमन पर भक्तों में उमड़ा उत्साह और आस्था का संगम
मां काली के आगमन पर भक्तों में उमड़ा उत्साह और आस्था का संगम
मां काली के आगमन पर भक्तों में उमड़ा उत्साह और आस्था का संगम
मां काली के आगमन पर भक्तों में उमड़ा उत्साह और आस्था का संगम

रिपोर्ट : मोहम्मद कलाम कुरैशी | झाँसी, उत्तर प्रदेश


सोमवार को झाँसी के ऐतिहासिक खटिकयाना क्षेत्र में मां काली के आगमन के अवसर पर श्रद्धालुओं ने धार्मिक उल्लास और भक्ति भाव के साथ स्वागत किया। इस भव्य कार्यक्रम का नेतृत्व संघर्ष सेवा समिति के संस्थापक डॉ. संदीप सरावगी ने किया, जिन्होंने पुष्पवर्षा कर माता काली का अभिवादन किया और भक्तों के बीच प्रसाद वितरित किया।


समिति की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए चाय और बिस्किट का निःशुल्क वितरण भी किया गया। पूरे कार्यक्रम में श्रद्धालुओं में गहरी आस्था और उत्साह देखा गया।


डॉ. संदीप सरावगी का संदेश

इस अवसर पर डॉ. संदीप सरावगी ने कहा कि संघर्ष सेवा समिति का उद्देश्य केवल समाजसेवा ही नहीं है, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देना भी है। उन्होंने बताया कि खटिकयाना की मां काली नवरात्र और विशेष अवसरों पर श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र हैं।


डॉ. संदीप ने कहा,"मां काली के दर्शन मात्र से भक्तों को साहस, शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। हमारा प्रयास है कि समाज में सेवा और आस्था का संदेश फैले।"


खटिकयाना की मां काली – श्रद्धा और भक्ति का केंद्र

खटिकयाना में विराजमान मां काली को क्षेत्रवासियों की आराध्य देवी माना जाता है। नवरात्र, महाअष्टमी और अन्य विशेष अवसरों पर यहाँ भव्य आयोजन होते हैं और दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।


श्रद्धालुओं का मानना है कि मां काली के दर्शन मात्र से जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है और मन में साहस और शक्ति का संचार होता है।


सामाजिक सद्भाव और सेवा का संगम

मां काली के इस आयोजन में सामाजिक सद्भाव और सेवा भावना का भी अद्भुत संगम देखने को मिला। समिति द्वारा निःशुल्क प्रसाद वितरण और भक्तों की सुविधा के लिए किए गए प्रयास ने आयोजन को और भी सफल बनाया।


उपस्थित गणमान्य नागरिक

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिक, समिति पदाधिकारी और स्थानीय गणमान्य लोग उपस्थित रहे। इनमें शामिल थे:पियूष रावत, सरदार वीर सिंह (पूर्व पार्षद), प्रदीप नगरिया (पूर्व पार्षद), दीनदयाल चौरसिया, अभिषेक साहू, कमलेश रायकवार, बंटी सोनी, सरिता सिंह, रश्मि हयारन, निशा चतुर्वेदी, चंदन खटीक, पप्पू खटीक, भाईयन गुप्ता, मुन्नालाल शर्मा, महेंद्र शर्मा, रामकुमार प्रजापति, सुशील कुमार गुप्ता, रविंद्र यादव, कुलदीप तिवारी, सागर, साकेत, सुनील कुमार (भोजला), पराग गुप्ता, राधा सोनी, भगवान देवी, सिद्धांत गुप्ता, सोनू कुशवाह, आशीष विश्वकर्मा, अनुज प्रताप सिंह, संदीप नामदेव, बसंत गुप्ता, सूरज वर्मा, राजू सेन, सुशांत गुप्ता और अन्य बड़ी संख्या में श्रद्धालु।


निष्कर्ष

यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि समाज में सेवा, आस्था और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देने वाला भी साबित हुआ। खटिकयाना की मां काली के दर्शन और डॉ. संदीप सरावगी के नेतृत्व में यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए अविस्मरणीय अनुभव रहा।



 भारतवर्ष समाचार  ब्यूरो

 संपर्क: 9410001283

 वेबसाइट: www.bharatvarshsamachar.org

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