झाँसी में वक्फ संपत्तियों का होगा ऑनलाइन पंजीकरण, उम्मीद पोर्टल पर शुरू हुई प्रक्रिया
- bharatvarshsamaach
- 3 hours ago
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रिपोर्टर: मोहम्मद कलाम कुरैशी
स्थान : झांसी, उत्तर प्रदेश
तारीख: 10 नवंबर 2025
झाँसी में वक्फ संपत्तियों के डिजिटलीकरण और पारदर्शी प्रबंधन को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह बैठक जीवन शाह स्थित मदरसा इस्लामिया में संपन्न हुई, जिसमें शहर के जिम्मेदार मुतवल्ली, विभिन्न वक्फ कमेटियों के अध्यक्ष और वक्फ बोर्ड से जुड़े अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक का मुख्य उद्देश्य भारत सरकार द्वारा बनाए गए “उम्मीद पोर्टल (UMMID Portal)” पर वक्फ संपत्तियों के अनिवार्य पंजीकरण की प्रक्रिया को समझाना और उसे तेज़ी से लागू करना था।
झाँसी की सभी वक्फ संपत्तियों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार होगा
जिला अल्पसंख्यक अधिकारी मोहम्मद तारीख़ ने बताया कि झाँसी जिले में कुल 585 सुन्नी और 35 शिया वक्फ संपत्तियाँ दर्ज हैं। इन सभी को उम्मीद पोर्टल पर पंजीकृत किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रत्येक संपत्ति का पूरा लेखा-जोखा, स्वामित्व दस्तावेज़, संपत्ति की स्थिति और उपयोग का विवरण पोर्टल पर दर्ज करना अनिवार्य होगा।
इस पोर्टल के माध्यम से वक्फ संपत्तियों का एक केंद्रीकृत डिजिटल डेटाबेस तैयार किया जाएगा, जिससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि संपत्तियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकेगी।
मुतवल्लियों और कमेटियों की भूमिका महत्वपूर्ण
बैठक में जिला अल्पसंख्यक अधिकारी ने सभी मुतवल्लियों और कमेटी अध्यक्षों से अपील की कि वे वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण में पूर्ण सहयोग करें। उन्होंने कहा कि यह पहल वक्फ बोर्ड की दीर्घकालिक पारदर्शी व्यवस्था को मजबूत करेगी।
सभी उपस्थित प्रतिनिधियों को पोर्टल पर लॉगिन करने, संपत्ति विवरण भरने और दस्तावेज़ अपलोड करने की प्रक्रिया भी समझाई गई। कई मुतवल्लियों ने पोर्टल से जुड़ी तकनीकी जानकारी और सहयोग के लिए जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया।
पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में बड़ा कदम
अल्पसंख्यक विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उम्मीद पोर्टल के जरिए न केवल संपत्तियों का डिजिटल रिकॉर्ड सुरक्षित रहेगा, बल्कि इससे अनियमितताओं, विवादों और अवैध कब्जों पर भी रोक लगेगी।यह प्रणाली एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहाँ वक्फ संपत्तियों की निगरानी, रखरखाव और उपयोग की जानकारी वास्तविक समय (real-time) में देखी जा सकेगी।
आगे की कार्ययोजना
अधिकारियों ने बताया कि 5 दिसंबर तक कब्रिस्तान और दरगाहों से संबंधित संपत्तियों के पंजीकरण के लिए एक विशेष कार्यशाला आयोजित की जाएगी। इसमें सभी मुतवल्लियों और कमेटी अध्यक्षों की उपस्थिति अनिवार्य होगी।
जिला अल्पसंख्यक अधिकारी ने यह भी कहा कि सरकार की इस डिजिटल पहल से आने वाले समय में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में क्रांतिकारी सुधार देखने को मिलेगा।
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भारतवर्ष समाचार ब्यूरो
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