झांसी जिला अस्पताल में 8 घंटे बिजली गायब, मरीज और नवजात उमस में बेहाल
- bharatvarshsamaach
- Jul 28
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रिपोर्टर: मोहम्मद कलाम कुरैशी | झांसी
27 जुलाई की रात झांसी के जिला महिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं उस वक्त चरमरा गईं जब लगातार 8 घंटे तक बिजली बाधित रही। भीषण उमस और गर्मी के बीच मरीजों और उनके तीमारदारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। स्थिति यह हो गई कि जच्चा-बच्चा वार्ड में नवजात शिशुओं को परिजन हाथ से पंखा झलते नजर आए।
अस्पताल में अंधेरा, उमस में परेशान मरीज
रात के समय बिजली बाधित हो जाने से अस्पताल के अंदर अंधेरा छा गया। उमस भरी गर्मी ने मरीजों का हाल बेहाल कर दिया। वीडियो फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि परिजन नवजात बच्चों को हाथ वाले पंखों (बिजाना) से हवा करते नजर आ रहे हैं।
जनरेटर होते हुए भी नहीं की गई व्यवस्था
सबसे गंभीर सवाल यह है कि अस्पताल में जनरेटर की सुविधा उपलब्ध होने के बावजूद उसे चालू नहीं किया गया। मरीजों और उनके परिजनों का आरोप है कि बिजली विभाग या अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण उन्हें घंटों तक पीड़ा सहनी पड़ी।
सीएमएस का इनकार, सच्चाई पर पर्दा?
जब इस संबंध में जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) से बात की गई, तो उन्होंने ऐसी किसी भी स्थिति से इनकार कर दिया। हालांकि, वीडियो और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान इस दावे को झूठा साबित कर रहे हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल
झांसी जिला अस्पताल जिले का प्रमुख स्वास्थ्य केंद्र है जहाँ रोजाना सैकड़ों मरीज इलाज के लिए आते हैं। ऐसे हालात में बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
निष्कर्ष
इस घटना ने साफ कर दिया है कि हमारे सरकारी अस्पतालों में अब भी बुनियादी व्यवस्थाओं का भारी अभाव है। जब जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंद लेते हैं, तो मरीजों की जान और स्वास्थ्य खतरे में पड़ जाते हैं। यह घटना सिर्फ एक तकनीकी खामी नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही की गवाही है।
क्या प्रशासन इस पर कार्रवाई करेगा या फिर एक और घटना को यूं ही भुला दिया जाएगा?
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