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झांसी मोंठ: घायल को चारपाई पर लादकर अस्पताल, सरकारी एम्बुलेंस और स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठे सवाल

  • bharatvarshsamaach
  • Oct 18
  • 2 min read

चारपाई पर अस्पताल पहुंचा घायल, स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुली
चारपाई पर अस्पताल पहुंचा घायल, स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुली

 

भारतवर्ष समाचार  ब्यूरो

रिपोर्टर: मोहम्मद कलाम कुरैशी, झांसी

 दिनांक: 18 अक्टूबर 2025


झांसी। मोंठ तहसील क्षेत्र के बम्हरौली गांव की नई बस्ती में गुरुवार की रात 35 वर्षीय कोमल पुत्र स्व. पुत्तूलाल गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल को समय पर अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रामीणों को मजबूर होकर चारपाई में लादकर लोडर वाहन से सीएचसी मोंठ के ट्रामा सेंटर ले जाना पड़ा। इस दौरान सरकारी एम्बुलेंस सेवा 108 बार-बार कॉल करने के बावजूद सहायता नहीं दे सकी।


घटना ने ग्रामीणों और अस्पताल प्रशासन के बीच तनाव पैदा कर दिया। जब कोमल को चारपाई पर लादकर अस्पताल पहुंचाया गया, तो चिकित्सकों और परिजनों के बीच विवाद हो गया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार में लापरवाही बरती और एक्स-रे कराने से मना कर दिया।


ग्रामीणों का आरोप:

घायल के मोहल्लेवासी भारत ने बताया कि सरकारी सुविधाओं की अनुपलब्धता के कारण उन्हें अपने बेटे को खुद अस्पताल ले जाना पड़ा। उन्होंने कहा, “सरकारी सुविधाएं सिर्फ कागजों तक सीमित हैं। जब जरूरत पड़ती है तो आम आदमी को संघर्ष करना पड़ता है।”


अस्पताल में हंगामा:

घायल के पहुंचते ही 30 से अधिक लोग अस्पताल में एकत्रित हो गए। परिजनों ने चिकित्सकों को लापरवाही और गैर जिम्मेदारी के लिए जिम्मेदार ठहराया। स्थिति बिगड़ने पर अस्पताल प्रशासन ने मोंठ पुलिस को सूचना दी। कोतवाल अखिलेश द्विवेदी मौके पर पहुंचकर हालात को नियंत्रित करने में सफल हुए।


मां का दर्द:

घायल की मां रानी ने बताया कि उनके बेटे की हालत गंभीर है, लेकिन डॉक्टर ध्यान नहीं दे रहे। उन्होंने कहा, “हम गरीब हैं। यहां एक्स-रे तक नहीं हो पा रहा। डॉक्टरों की लापरवाही से बेटे की हालत और बिगड़ सकती है।”


प्राइवेट पैथोलॉजी का सहारा:

पुलिस हस्तक्षेप के बाद भी परिजन सरकारी अस्पताल से संतुष्ट नहीं हुए और घायल को चारपाई में लादकर निकटतम निजी पैथोलॉजी सेंटर ले गए, जहां एक्स-रे करवाई गई।


अस्पताल प्रशासन का पक्ष:

सीएचसी मोंठ के चिकित्साकर्मियों ने मोंठ थाना पुलिस को लिखित शिकायत दी। शिकायत में बताया गया कि उपचार के दौरान करीब 30 लोग स्टाफ के साथ अभद्रता कर रहे थे, जिससे उपचार कार्य प्रभावित हुआ। साथ ही उन्होंने कहा कि अस्पताल में एक्स-रे और अन्य जांचों के लिए उपकरण उपलब्ध नहीं हैं।


जनता में नाराजगी:

घटना ने सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियों को उजागर किया। ग्रामीणों का कहना है कि यदि 108 एम्बुलेंस समय पर पहुंच जाती, तो घायल को चारपाई पर लादकर अस्पताल ले जाने की नौबत नहीं आती।


इस पूरे प्रकरण ने प्रशासन और स्वास्थ्य सेवाओं की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।


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 भारतवर्ष समाचार  ब्यूरो

 संपर्क: 9410001283

 वेबसाइट: www.bharatvarshsamachar.org


 
 
 

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