top of page

प्रयागराज में गंगा-यमुना का कहर: खतरे का निशान पार, पांच लाख लोग बाढ़ से प्रभावित

  • bharatvarshsamaach
  • Aug 4
  • 2 min read

गंगा और यमुना दोनों नदियों ने पार किया खतरे का निशान। अब तक 5 लाख लोग प्रभावित।
गंगा और यमुना दोनों नदियों ने पार किया खतरे का निशान। अब तक 5 लाख लोग प्रभावित।
गंगा और यमुना दोनों नदियों ने पार किया खतरे का निशान। अब तक 5 लाख लोग प्रभावित।
गंगा और यमुना दोनों नदियों ने पार किया खतरे का निशान। अब तक 5 लाख लोग प्रभावित।

भारतवर्ष समाचार

तारीख: 04 अगस्त 2025

स्थान: प्रयागराज, उत्तर प्रदेश


प्रयागराज: उत्तर भारत में लगातार हो रही भारी बारिश का प्रभाव अब विकराल रूप ले चुका है। प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं और पूरे क्षेत्र में तबाही का मंजर सामने आ रहा है। वर्ष 2013 के बाद यह पहला मौका है जब जिले में बाढ़ की स्थिति इतनी भयावह हो गई है।


बाढ़ की चपेट में 275 गांव और शहर की 61 बस्तियां

प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार अब तक 275 गांव और शहर की 61 शहरी बस्तियां पूरी तरह बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ से लगभग 5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें करीब 80 हजार लोग बेघर हो चुके हैं। कई मोहल्ले पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं और संपर्क मार्ग टूट चुके हैं।


राहत कार्यों में जुटा प्रशासन, तैनात किए गए राहत दल

जिला प्रशासन द्वारा 19 बाढ़ राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जहां 9000 से अधिक प्रभावित लोग शरण ले चुके हैं। बचाव और राहत कार्यों के लिए NDRF, SDRF, जल पुलिस और PAC के करीब 600 जवान तैनात किए गए हैं। 250 नावें और 30 मोटरबोट बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगातार गश्त कर रही हैं।


कमिश्नर, जिलाधिकारी, एडीएम और सभी एसडीएम मौके पर मौजूद हैं और राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।


उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री का दौरा

आज दोपहर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य बाढ़ से प्रभावित इलाकों का स्थलीय निरीक्षण करेंगे। वे राहत शिविरों में पहुंचकर लोगों की समस्याएं सुनेंगे और व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे।कल यानी मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हवाई सर्वेक्षण कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति का आकलन करेंगे। इसके बाद सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ बैठक कर राहत सामग्री वितरण की समीक्षा करेंगे।


संचार व्यवस्था पर भी असर, बीएसएनएल के टावर बंद

बाढ़ का असर अब संचार व्यवस्था पर भी पड़ने लगा है। शहर के राजापुर, छोटा बघाड़ा और यमुनापार के मांडा रोड स्थित बीएसएनएल के तीन मोबाइल टावर पूरी तरह बंद हो चुके हैं। इन क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति ठप होने से टावरों को डीजल से भी नहीं चलाया जा सका।


इसके अतिरिक्त 13 और टावर ऐसे हैं, जिनका बैकअप सिर्फ एक दिन का है। टावरों को चालू रखने के लिए प्रशासन की मदद से डीजल की आपूर्ति करवाई जा रही है।


बीएसएनएल अधिकारियों की बैठक

बीएसएनएल के जनसंपर्क अधिकारी आशीष गुप्ता ने बताया कि प्रधान महाप्रबंधक बीके सिंह ने आज सुबह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए सभी एसडीओ और अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि जहां पहुंचना संभव है, वहां डीजल की मदद से टावरों को चालू रखा जाए, ताकि लोगों को नेटवर्क की समस्या न हो।


निष्कर्ष: प्रशासन सतर्क, लेकिन चुनौती विकराल

प्रयागराज में हालात लगातार गंभीर होते जा रहे हैं। राहत और बचाव कार्य तेज़ी से चल रहे हैं लेकिन पांच लाख से अधिक प्रभावित लोगों के लिए यह समय बेहद कठिन है। अब सभी की निगाहें मुख्यमंत्री के दौरे और सरकार की राहत योजनाओं पर टिकी हैं।


 ⸻


 भारतवर्ष समाचार

 संपर्क: 9410001283

 वेबसाइट: www.bharatvarshsamachar.org

 
 
 

Comments


Top Stories

bottom of page