बिजनौर: रास्ते के विवाद ने लिया हिंसक रूप, दो पक्षों में जमकर पथराव, पांच घायल
- bharatvarshsamaach
- Jun 25
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रिपोर्ट: शकील अहमद | स्थान: बिजनौर | दिनांक: 25 जून 2025
बिजनौर के दीदा नगला गांव में रास्ते के पुराने विवाद ने अचानक उस वक्त हिंसक रूप ले लिया, जब मामूली कहासुनी के बाद दो पक्ष आमने-सामने आ गए और देखते ही देखते दोनों ओर से जमकर पथराव शुरू हो गया। इस झड़प में दोनों पक्षों के कुल पांच लोग घायल हो गए हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पथराव का वीडियो
घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि कुछ लोग मकानों की छतों से नीचे खड़े लोगों पर पत्थर फेंकते नजर आ रहे हैं। यह दृश्य गांव में उस वक्त दहशत का कारण बन गया, जब महिलाएं और बच्चे भी अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते दिखाई दिए।
मामला क्या है?
पूरा मामला शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले दीदा नगला गांव का है। जानकारी के अनुसार, गांव के ही दो पक्षों — निसार और नफीस (जो आपस में चाचा-भतीजे हैं) — के बीच गली के रास्ते को लेकर विवाद चल रहा था। बुधवार की दोपहर अचानक दोनों पक्षों में कहासुनी हुई और फिर हिंसा में तब्दील हो गई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह विवाद पहले भी कई बार उठ चुका है, लेकिन इस बार मामला ज्यादा गंभीर हो गया।
घायलों का इलाज और पुलिस कार्रवाई
घटना में घायल हुए लोगों को ग्रामीणों की मदद से तुरंत मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। मामले पर कार्रवाई करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया गया है।
प्रशासन का बयान
क्षेत्राधिकारी (सीओ) संग्राम सिंह ने बताया:
“निसार और नफीस के बीच रास्ते को लेकर विवाद हुआ था। सूचना मिलने पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लिया गया। फिलहाल एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है और वादी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।”
स्थानीय लोगों की राय
स्थानीय निवासी अहसान ने बताया:
“यह विवाद अचानक हिंसक हो गया। पहले दोनों पक्षों में गाली-गलौज हुई, फिर पथराव शुरू हो गया। गांव वालों ने बीच-बचाव किया वरना हालात और बिगड़ सकते थे।”
घायल पक्ष की महिला खुर्शीदा ने कहा:
“हम लोग अपने रास्ते जा रहे थे तभी हमला हो गया। हमें समझ ही नहीं आया कि ये सब कैसे शुरू हुआ। हम सभी डरे हुए हैं।”
निष्कर्ष
यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे-छोटे विवाद किस तरह कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती बन सकते हैं। पुलिस की तत्परता से स्थिति काबू में आ गई, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन पहले से सक्रिय होकर ऐसे विवादों को रोक नहीं सकता?

















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