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बिजनौर: लोगों के घरों में दौड़ा 11 हजार वोल्ट का करंट, लाखों रुपए का नुकसान

  • bharatvarshsamaach
  • Sep 13
  • 2 min read


 रिपोर्टर: शकील अहमद, बिजनौर

 लोकेशन : बिजनौर, उत्तर प्रदेश


थाना बढ़ापुर क्षेत्र के बिजली उपकेंद्र हरेवली, ग्राम इनायतपुर में विद्युत विभाग की लापरवाही के कारण ग्रामीणों के घरों में अचानक 11 हजार वोल्ट का करंट दौड़ गया। इस घटना से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया और लोग अपनी जान बचाने के लिए घरों से बाहर भागे।


घरों में करंट उतरने से फ्रिज, वाशिंग मशीन, पंखे और अन्य घरेलू उपकरण जलकर खराब हो गए। ग्रामीणों ने इसका अनुमानित लाखों रुपए का नुकसान बताया।


विद्युत विभाग की लापरवाही पर ग्रामीणों का रोष

स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि बिना जाल और सुरक्षा उपायों के 11 हजार वोल्ट के तार लोगों के ऊपर मौत बनकर मंडरा रहे हैं।

  • ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि इस तरह की लापरवाही से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

  • उन्होंने अधिकारियों से तुरंत सुरक्षा उपाय लागू करने और दोषपूर्ण तारों की मरम्मत कराने की मांग की।


ग्रामीण बाइट्स:

  • ऋषिपाल सिंह, ग्रामीण: “करंट दौड़ने से हमारी संपत्ति जल गई और हम अपने जीवन के लिए डर गए।”

  • लोकेंद्र कुमार, ग्रामीण: “बिजली विभाग की लापरवाही किसी भी समय गंभीर हादसे का कारण बन सकती है।”


खतरे के संकेत और सुरक्षा की मांग

ग्रामीणों का कहना है कि बिजली विभाग की लगातार लापरवाही के कारण गाँव में बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरा बढ़ गया है।

  • बिना सुरक्षा उपायों के 11 हजार वोल्ट के तार खुले में लटक रहे हैं, जिससे करंट का रिसाव किसी भी समय बड़ा हादसा कर सकता है।

  • ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन और विद्युत विभाग से अपील की कि जल्द से जल्द सुरक्षा उपाय अपनाएं और तारों को सुरक्षित किया जाए।


प्रशासन और विद्युत विभाग की भूमिका

स्थानीय लोग चाहते हैं कि विद्युत विभाग घटनास्थल का निरीक्षण करके दोषियों पर कार्रवाई करे और भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए।

  • ग्रामीणों का कहना है कि नियमित जांच और सुरक्षा उपायों के अभाव में यहां कोई भी गंभीर हादसा हो सकता है।

  • विशेषज्ञों के अनुसार, 11 हजार वोल्ट के तारों को बिना सुरक्षा जाल के खुला छोड़ना कानून और सुरक्षा मानकों के खिलाफ है।


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 भारतवर्ष समाचार  ब्यूरो

 संपर्क: 9410001283

 वेबसाइट: www.bharatvarshsamachar.org


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