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बुंदेलखंड आंदोलन फिर तेज, वादा न निभाने वालों के खिलाफ सड़क से सदन तक लड़ाई का ऐलान

  • bharatvarshsamaach
  • 1 hour ago
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भानू सहाय के नेतृत्व में सौंपा गया मांग पत्र।
भानू सहाय के नेतृत्व में सौंपा गया मांग पत्र।


 रिपोर्टर: मोहम्मद कलाम कुरैशी

 स्थान : झांसी,  उत्तर प्रदेश

 तारीख: 10 नवंबर 2025


झाँसी: बुंदेलखंड राज्य निर्माण की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है। बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय के नेतृत्व में प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी झाँसी के माध्यम से भेजा गया। ज्ञापन में कहा गया कि सरकार ने तीन वर्ष के भीतर पृथक बुंदेलखंड राज्य बनाने का वादा किया था, लेकिन ग्यारह साल सात महीने बीत जाने के बाद भी वह वादा पूरा नहीं हुआ है।


“राम कौ कौल” अभियान से शुरू हुआ विरोध

मोर्चा अध्यक्ष भानू सहाय ने कहा कि वादाखिलाफी के विरोध में बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा ने “राम कौ कौल” अभियान की शुरुआत की थी। इस अभियान का असर 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में साफ देखने को मिला —

  • बीजेपी तीन विधानसभा सीटों पर हारी,

  • पाँच लाख पैंसठ हज़ार वोटों की कमी आई,

  • और छप्पन हज़ार वोट NOTA के रूप में डाले गए।


भानू सहाय ने बताया कि यह विरोध यहीं नहीं रुका। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में भी दतिया में 2, निवाड़ी में 1, और टीकमगढ़ में 2 सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा।


धनाभाव में भी जारी रहा आंदोलन

मोर्चा ने बताया कि छतरपुर, पन्ना, दमोह और सागर जिलों में आर्थिक संसाधनों की कमी के कारण सक्रियता सीमित रही, फिर भी आंदोलन जारी रहा। हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में भी इसका असर देखने को मिला —


  • बांदा, जालौन और हमीरपुर सीटों पर भाजपा को हार मिली।

  • झाँसी सीट पर जहाँ भाजपा सांसद पिछले चुनाव में 4 लाख वोट से जीते थे, वहीं इस बार मात्र 1 लाख वोटों से ही जीत पाए।

  • इसी तरह दतिया में सांसद की जीत का अंतर 2 लाख से घटकर 63 हजार रह गया।


“राम कौ कौल” अभियान होगा और तेज

भानू सहाय ने कहा कि “तुम्हें राम कौ कौल” अभियान अब और बड़े स्तर पर चलाया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के प्रस्तावित जिलों को मिलाकर पृथक बुंदेलखंड राज्य नहीं बनाया गया, तो आने वाले चुनावों में बड़े पैमाने पर जनप्रतिनिधियों का विरोध किया जाएगा।


उन्होंने कहा कि –

“अब बुंदेलखंड के योद्धा आंदोलन में जुड़ चुके हैं। जो नेता राज्य निर्माण में सहयोग नहीं करेंगे, उन्हें जनता चुनाव में नकार देगी।”

आंदोलन की आगामी योजना

भानू सहाय ने कहा कि यदि सरकार मौन रही, तो मोर्चा सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगा — जिसमें पुतला दहन, धरना, प्रदर्शन और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ विरोध अभियान शामिल होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस विरोध की पूरी जिम्मेदारी बुंदेलखंड क्षेत्र के सांसदों और विधायकों की होगी।


ज्ञापन सौंपने वालों में शामिल रहे

ज्ञापन भेंट करने वालों में प्रमुख रूप से रघुराज शर्मा, प्रदीप नाथ झा, गोलू ठाकुर, हनीफ खान, कुँअर बहादुर आदिम, राजेन्द्र कुमार (पूर्व पार्षद), नरेंद्र कुशवाहा, शाहिद बेगम, प्रभूदयाल कुशवाहा, चौधरी मोहम्मद महमूद, चौधरी राहत कुरैशी, अनिल कश्यप, शाहजहां बेगम, कुंती राय, एड. नीलम सिंह, बंटी सैनी, शैंकी साहू, राजेश लोहिया, मान सिंह परिहार आदि उपस्थित रहे।


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 भारतवर्ष समाचार  ब्यूरो

 संपर्क: 9410001283

 वेबसाइट: www.bharatvarshsamachar.org

 
 
 

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