बुंदेलखंड राज्य निर्माण की मांग को लेकर झांसी में उग्र प्रदर्शन, सांसदों के फूंके गए पुतले
- bharatvarshsamaach
- Jul 21
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रिपोर्टर: मोहम्मद कलाम कुरैशी
स्थान: झाँसी, बुंदेलखंड
प्रकाशन: भारतवर्ष समाचार
झांसी में बुंदेलखंड राज्य की मांग एक बार फिर जोर पकड़ती दिख रही है। बुंदेलखंड राज्य निर्माण मोर्चा के बैनर तले प्रदर्शनकारियों ने अखंड बुंदेलखंड क्षेत्र के नौ सांसदों के पुतले फूंके। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि इन सांसदों ने न तो प्रधानमंत्री को बुंदेलखंड की जनता की भावनाओं से अवगत कराया और न ही लोकसभा में प्राइवेट मेम्बर बिल लाकर राज्य निर्माण का समर्थन किया।
प्रदर्शन का नेतृत्व भानू सहाय ने किया
बुंदेलखंड राज्य निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय ने पहले ही चेतावनी दी थी कि यदि सांसद बुंदेलखंड की जनता की आवाज संसद तक नहीं पहुंचाएंगे, तो उनका पुतला फूंका जाएगा। गांधी पार्क से कचहरी चौराहा तक जुलूस निकाला गया, और "जो बुंदेलखंड का नहीं, वो किसी काम का नहीं" जैसे नारों के साथ सांसदों का पुतला फूंक कर विरोध दर्ज कराया गया।
जनाक्रोश का कारण
बुंदेलखंड क्षेत्र में विकास की धीमी रफ्तार और लगातार हो रही उपेक्षा को लेकर लोगों में भारी असंतोष है। मोर्चा का कहना है कि अगर जनप्रतिनिधियों ने अब भी चुप्पी नहीं तोड़ी, तो यह आक्रोश आगामी 2027 उत्तर प्रदेश, 2028 मध्य प्रदेश और 2029 लोकसभा चुनावों में स्पष्ट रूप से झलकेगा।
भानू सहाय ने चेतावनी दी कि अगर सांसदों का रवैया यूं ही बना रहा, तो संसद सत्र के दौरान प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री के पुतले फूंके जाएंगे और इसकी जवाबदेही केवल और केवल जनप्रतिनिधियों की होगी।
प्रदर्शन में प्रमुख लोग रहे शामिल
इस प्रदर्शन में कई संगठनों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। प्रदर्शन में प्रमुख रूप से उपस्थित थे:
रघुराज शर्मा, गिरजा शंकर राय, कुंवर बहादुर आदिम, हनीफ खान, गोलू ठाकुर, प्रदीप झां एडवोकेट, अनुराग मिश्रा एडवोकेट, ब्रजेश राय, रामजी सिंह जादौन पारीछा, सचिन साहू, शाहिद बेगम, अजय श्रीवास्तव, विक्की गौत्तम, चौधरी राहत, कुलवंत सिंह खालसा सहित अन्य दर्जनों लोग।
आंदोलन की दिशा
बुंदेलखंड राज्य निर्माण की यह मांग वर्षों पुरानी है, लेकिन अब यह सिर्फ एक राजनीतिक मुद्दा नहीं रह गया है, बल्कि जनता की भावना का विषय बन चुकी है। बुंदेलखंड की जनता अब ठोस पहल चाहती है, वादे नहीं। मोर्चा का कहना है कि यह आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा, लेकिन दबाव की राजनीति के बिना अब बात नहीं बनेगी।
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रिपोर्टर: मोहम्मद कलाम कुरैशी
भारतवर्ष समाचार
संपर्क: 9410001283
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