मुरादाबाद के दयानंद आर्य कन्या डिग्री कॉलेज में विचारों की गूंज – जनसंख्या वृद्धि पर हुआ चिंतन और मनन
- bharatvarshsamaach
- Oct 16
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संवाददाता: मनोज कुमार
स्थान: दयानंद आर्य कन्या डिग्री कॉलेज, मुरादाबाद
विभाग: समाजशास्त्र विभाग
दिनांक : 16 अक्टूबर 2025
दयानंद आर्य कन्या डिग्री कॉलेज, मुरादाबाद के समाजशास्त्र विभाग द्वारा “जनसंख्या वृद्धि – राष्ट्र के लिए वरदान है अथवा अभिशाप” विषय पर एक सुविचार लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. सीमा रानी जी द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। इस अवसर पर प्राचार्या ने छात्राओं को समाज में जागरूकता फैलाने और रचनात्मक सोच विकसित करने की प्रेरणा दी।
प्रतियोगिता का संचालन
कार्यक्रम का संचालन एवं संयोजन समाजशास्त्र विभाग की प्रभारी प्रो. ऋतु दीक्षित जी ने किया। प्रतियोगिता में निर्णायक के रूप में प्रो. सुजाता कुमारी, प्रो. रीना मित्तल, और प्रो. कंचन सिंह जी उपस्थित रहीं।
निर्णायकों ने छात्राओं की प्रतिभा की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन न केवल विचारों को दिशा देते हैं, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण को भी सशक्त बनाते हैं।
छात्राओं के विचार –
इस प्रतियोगिता में समाजशास्त्र विषय के विभिन्न सेमेस्टर की छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सभी ने विषय पर अपने विचार प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किए।
मेहविश ने जनसंख्या को राष्ट्र निर्माण में सहायक शक्ति बताया।
खुशी पाण्डेय ने बढ़ती जनसंख्या को समाज के लिए गंभीर समस्या के रूप में चित्रित किया।
रहनुमा और अदीबा ने जनसंख्या वृद्धि को भारत जैसे विकासशील देश के लिए अभिशाप बताया।
वंशिका ने दोनों पक्षों का संतुलित विश्लेषण करते हुए विषय की दोहरी प्रकृति को दर्शाया।
अलीना ने जनसंख्या वृद्धि को संसाधनों और ऊर्जा साधनों की कमी से जोड़ते हुए इसके पर्यावरणीय प्रभाव पर प्रकाश डाला।
तमन्ना ने अपने विचारों में बताया कि सड़कों, स्कूलों, कॉलेजों और अस्पतालों में बढ़ती भीड़ जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणामों को स्पष्ट करती है।
विजेताओं की सूची
निर्णायकों द्वारा गहन मूल्यांकन के बाद परिणाम घोषित किए गए। विजेता छात्राओं को उत्साहवर्धन स्वरूप पुरस्कार प्रदान किए गए।
प्रथम पुरस्कार: सना परवीन, अरमाना
द्वितीय पुरस्कार: वंशिका, प्राची
तृतीय पुरस्कार: महक, पूजा
सांत्वना पुरस्कार: खुशी, मेहविश, अदीबा, नाजमीन
कार्यक्रम का समापन
कार्यक्रम के अंत में प्रो. संतोष सिंह जी ने सभी अतिथियों, निर्णायकों और छात्राओं का धन्यवाद ज्ञापन किया। इस आयोजन में डॉ. अभिलाषा बाजपेई का विशेष सहयोग रहा।
विभागाध्यक्ष प्रो. ऋतु दीक्षित जी ने इस अवसर पर कहा कि
“जनसंख्या वृद्धि अपने आप में न तो केवल वरदान है, न ही अभिशाप। यह इस बात पर निर्भर करता है कि राष्ट्र अपनी जनसंख्या को किस दिशा में मार्गदर्शित करता है।”
ऐसे शैक्षिक आयोजनों से छात्राओं में न केवल लेखन कौशल का विकास होता है, बल्कि सामाजिक मुद्दों पर गहन चिंतन की प्रवृत्ति भी बढ़ती है।
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भारतवर्ष समाचार ब्यूरो
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