वंदे मातरम’ पर SP विधायक इकबाल महमूद का बयान — बोले, सम्मान करेंगे मगर ज़बरदस्ती नहीं चलेगी
- bharatvarshsamaach
- 3 days ago
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रिपोर्टर: प्रदीप मिश्रा, भारतवर्ष समाचार
लोकेशन: संभल, उत्तर प्रदेश
दिनांक: 07 नवम्बर 2025
संभल: देशभर में “वंदे मातरम” गीत के 150 वर्ष पूरे होने पर जहां भारतीय जनता पार्टी पूरे देश में कार्यक्रम आयोजित कर रही है, वहीं समाजवादी पार्टी के संभल सदर विधायक इकबाल महमूद के बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
इकबाल महमूद ने कहा कि —
“वंदे मातरम देश का गीत है, हम उसके खिलाफ नहीं हैं। जब विधानसभा या संसद में सत्र की शुरुआत में ‘वंदे मातरम’ बोला जाता है, तो हम भी सम्मान में खड़े होते हैं। मगर किसी चीज़ को ज़बरदस्ती थोपना सही नहीं है। हर नागरिक को अपनी राय रखने और मानने की आज़ादी है।”
‘कानून बनाओ तो सबसे पहले गाएंगे’
समाजवादी विधायक ने कहा कि अगर सरकार चाहती है कि हर कोई “वंदे मातरम” गाए, तो इसके लिए कानून बनाया जाए।
“अगर सरकार कानून बना दे, तो हम सबसे पहले गाएँगे। लेकिन किसी को मजबूर करना लोकतंत्र के खिलाफ है। यह देश आज़ाद है — जहां चाहो बोलो, जहां न चाहो मत बोलो — लेकिन सम्मान करना ज़रूरी है।”
बाबरी मस्जिद का ज़िक्र और सियासी ताप
विधायक ने आगे कहा —
“हर मुसलमान के दिल में बाबरी मस्जिद है, उसे कोई भूल नहीं सकता। लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया, तो हमने कानून का सम्मान किया। कानून का पालन करना हर नागरिक का फर्ज़ है।”
उनके इस बयान से माहौल और भी गरम हो गया है। विपक्षी दलों ने इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़कर राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया है।
राजस्थान सरकार पर तंज
राजस्थान के शिक्षा मंत्री द्वारा मदरसों में ‘वंदे मातरम’ गाने की अनिवार्यता पर तंज कसते हुए इकबाल महमूद ने कहा —
“कुछ लोग चाहते हैं कि ऐसे मुद्दों से देश में आग लगे, हिंदू-मुस्लिम भिड़ें। मगर हम कानून मानने वाले लोग हैं, देश को जोड़ने वाले हैं, तोड़ने वाले नहीं।”
वंदे मातरम के 150 साल
आपको बता दें कि आज वंदे मातरम गीत के पूरे 150 वर्ष पूरे हो गए हैं। बीजेपी पूरे देश में इसे “राष्ट्रीय गौरव दिवस” के रूप में मना रही है। वहीं समाजवादी पार्टी के इस बयान से राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं।
एंकर लाइन:
“एक तरफ ‘वंदे मातरम’ के 150 साल पर देश जश्न मना रहा है, तो दूसरी तरफ SP विधायक इकबाल महमूद के बयान ने सियासत का ताप बढ़ा दिया है। सवाल ये है कि क्या राष्ट्रगीत को लेकर राजनीति थमेगी?”
बाइट:
“वंदे मातरम देश का है, मगर ज़बरदस्ती नहीं चलेगी। अगर कानून बनेगा, तो सबसे पहले हम गाएँगे।”— इकबाल महमूद, विधायक, समाजवादी पार्टी, संभल
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भारतवर्ष समाचार ब्यूरो
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