वाराणसी में कांग्रेस का जोरदार प्रदर्शन, 5000 सरकारी स्कूल बंद करने के विरोध में राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
- bharatvarshsamaach
- Jun 30
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रिपोर्ट: नौमेश कुलदीप श्रीवास्तव, वाराणसी
स्थान: वाराणसी
तारीख: 30 जून 2025
उत्तर प्रदेश में 5000 सरकारी विद्यालयों को बंद किए जाने की संभावित कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस ने सोमवार को वाराणसी जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान पार्टी नेताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा और इस निर्णय को गरीबों और वंचित वर्गों के साथ अन्याय बताया।
कांग्रेस का आरोप: शिक्षा से वंचित हो रहे गरीब बच्चे
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस पिछड़ा वर्ग के प्रदेश सचिव श्रवण गुप्ता ने कहा:
“कांग्रेस सरकार ने जिन विद्यालयों की नींव रखी थी, उन्हें योगी-मोदी सरकार बंद कर रही है। यह गरीब, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक बच्चों के साथ नाइंसाफी है।”
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का यह कदम तानाशाही रवैया दर्शाता है और समाज के कमजोर वर्गों को शिक्षा से दूर रखने का एक खतरनाक प्रयास है।
प्राइवेट शिक्षा गरीबों के बस की बात नहीं
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि आज के समय में प्राइवेट स्कूलों की फीस इतनी अधिक है कि गरीब परिवार अपने बच्चों को वहाँ पढ़ाने में असमर्थ हैं। ऐसे में सरकारी विद्यालयों का बंद होना, समाज के सबसे वंचित तबके को शिक्षा से वंचित करने जैसा है।
“सरकारी स्कूल उन बच्चों के लिए आखिरी उम्मीद हैं, जिनके पास कोई और विकल्प नहीं है,” – प्रदर्शनकारियों का कहना।
राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से हस्तक्षेप कर विद्यालयों को बंद होने से बचाने की अपील की। उन्होंने हाथ जोड़कर निवेदन किया कि गरीबों के भविष्य को अंधकार में न धकेला जाए।
बाइट – श्रवण गुप्ता, प्रदेश सचिव, कांग्रेस पिछड़ा वर्ग:“हमारी राष्ट्रपति महोदया से हाथ जोड़कर विनती है कि इन स्कूलों को बंद न किया जाए। ये शिक्षा के मंदिर हैं, इन्हें बंद करना बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है।”
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रिपोर्टर: नौमेश कुलदीप श्रीवास्तव, वाराणसी
भारतवर्ष समाचार
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