शमा सिकंदर ने सुनाया दर्दनाक बीता हुआ दौर, कहा – “मैं जीना नहीं चाहती थी”
- bharatvarshsamaach
- Jun 26
- 2 min read

टेलीविज़न और वेब सीरीज़ की जानी-मानी अभिनेत्री शमा सिकंदर ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में अपनी ज़िंदगी के बेहद कठिन और निजी पहलू को साझा किया। अभिनेत्री ने बाइपोलर डिसऑर्डर, डिप्रेशन और आत्महत्या के प्रयास जैसे विषयों पर बेबाकी से बात की।
यह बातचीत डेबिना बनर्जी के पॉडकास्ट में हुई, जिसमें शमा ने कहा,
“मुझे बाइपोलर डिसऑर्डर था। इस दौरान आप चिड़चिड़े हो जाते हैं। ये वो दबे हुए मुद्दे थे जिन्हें समय रहते स्वस्थ रूप में सुलझाना चाहिए था।”
उन्होंने बताया कि डिप्रेशन उनके लिए एक आभासी दुनिया बन गया था, जिसने उन्हें सुन्न कर दिया था।
“मैंने अपने लिए एक दुखद दुनिया बना ली थी। मुझे फिल्म इंडस्ट्री से नफरत हो गई थी। यहाँ का स्वार्थी और आत्मकेंद्रित व्यवहार मुझे बिल्कुल पसंद नहीं आया।”
इस निराशा के चरम पर, उन्होंने नींद की गोलियों का ओवरडोज़ लेकर आत्महत्या का प्रयास किया।
“मैं मरना चाहती थी। लेकिन मैं बच गई। मुझे अस्पताल ले जाया गया। जब होश आया तो देखा कि मेरा शरीर ज़हरीले पदार्थ से मुक्त किया जा रहा था और हाथ बंधे हुए थे।”
अस्पताल कर्मचारियों के अनुसार, उन्हें शारीरिक रूप से नियंत्रित करना पड़ा क्योंकि वह हिंसक हो गई थीं।
“जब होश आया तो मैंने खुद से पूछा – मैं फिर से ज़िंदा क्यों हूँ? मैं तो वापस नहीं आना चाहती थी।”
लेकिन यही क्षण उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट बना।
“इसके बाद मैंने खुद को थेरेपी दिलाई और जाना कि मुझे बाइपोलर डिसऑर्डर है। मुझे तो यह भी नहीं पता था कि साइकैट्रिस्ट होते हैं।”
वह कुछ वर्षों तक गुमराह और गुस्से से भरी रहीं, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य को समझा और अपने लिए उपचार चुना।
शमा सिकंदर की यह ईमानदार स्वीकारोक्ति मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बात करने की आवश्यकता को उजागर करती है। यह साहसिक कदम कई अन्य लोगों को प्रेरणा देगा कि वह भी मदद लें, खुलकर बोलें और अपने भीतर के ज़ख्मों को भरने की शुरुआत करें।
यदि आप या आपका कोई परिचित मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहा है, तो किसी पेशेवर से मदद लें। आप अकेले नहीं हैं।
मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना शारीरिक स्वास्थ्य।
भारतवर्ष समाचार के लिए विशेष प्रस्तुति
संपर्क: 9410001283
वेबसाइट: www.bharatvarshsamachar.org

















Comments