शाही जामा मस्जिद विवाद में नया मोड़: नमाज पर रोक की याचिका दाखिल, 21 जुलाई को सुनवाई
- bharatvarshsamaach
- Jul 3
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रिपोर्टर – प्रदीप मिश्रा
स्थान – संभल
भारतवर्ष समाचार
संभल की शाही जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर विवाद अब और अधिक गंभीर होता जा रहा है। इस मामले में एक और नई याचिका दाखिल की गई है, जिसमें मस्जिद में नमाज अदा करने पर रोक लगाने की मांग की गई है। यह याचिका हिंदूवादी नेता सिमरन गुप्ता द्वारा दायर की गई है, जिसमें कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि जब तक यह पूरी तरह स्पष्ट न हो जाए कि यह स्थल मस्जिद है या मंदिर, तब तक यहां किसी भी प्रकार की धार्मिक गतिविधि — विशेष रूप से नमाज — पर रोक लगाई जाए
इस प्रकरण पर चंदौसी की सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह की अदालत ने याचिका स्वीकार कर ली है और आगामी 21 जुलाई को इस पर सुनवाई तय की गई है। याचिकाकर्ता सिमरन गुप्ता ने कोर्ट से यह भी मांग की है कि शाही जामा मस्जिद को तत्काल प्रभाव से सील किया जाए और इसे जिलाधिकारी की निगरानी में रखा जाए, ताकि किसी भी पक्ष को धार्मिक गतिविधि की अनुमति न मिल सके।
याचिका में यह दलील दी गई है कि कोर्ट पहले ही इस स्थल को "विवादित स्थल" करार दे चुका है, ऐसे में किसी एक पक्ष को धार्मिक अनुष्ठान की इजाजत देना न्याय प्रक्रिया के साथ अन्याय होगा। याचिकाकर्ता के अनुसार जब तक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थिति का स्पष्ट निर्धारण नहीं हो जाता, तब तक नमाज, पूजा या कोई अन्य धार्मिक क्रिया निष्पक्ष जांच को प्रभावित कर सकती है।
इससे पहले भी शाही जामा मस्जिद को लेकर कई संगठनों द्वारा दावे किए जा चुके हैं, जिससे यह मामला पहले से ही संवेदनशील बना हुआ है। अब देखना होगा कि 21 जुलाई को अदालत इस नई याचिका पर क्या रुख अपनाती है — क्या मस्जिद में नमाज पर अस्थायी रोक लगाई जाएगी या नहीं।
बाइट:
सिमरन गुप्ता – याचिकाकर्ता / हिंदूवादी नेता"जब तक स्थल की असल पहचान साबित नहीं हो जाती, तब तक किसी भी धार्मिक गतिविधि को अनुमति देना न्याय प्रक्रिया के साथ खिलवाड़ होगा। हमारी मांग है कि वहां नमाज पर अस्थायी रूप से रोक लगे और मस्जिद को सील कर प्रशासनिक निगरानी में रखा जाए।"

















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