संभल : अगर पाकिस्तान न बना होता तो आज मुसलमान भी प्रधानमंत्री होते” सपा विधायक इकबाल महमूद का बड़ा बयान!
- bharatvarshsamaach
- 1 day ago
- 3 min read
भारतवर्ष समाचार
रिपोर्टर: प्रदीप मिश्रा |
स्थान: संभल, उत्तर प्रदेश
संभल से सियासत में नया बयान-बम!
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ और तेजतर्रार विधायक इकबाल महमूद ने एक बार फिर ऐसा बयान दे दिया है जिसने न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि राष्ट्रीय राजनीति के गलियारों में हलचल मचा दी है।अमेरिका के न्यूयॉर्क में भारतीय मूल के मुस्लिम नेता जोहरान ममदानी की जीत पर प्रतिक्रिया देते हुए इकबाल महमूद ने कहा कि —
“अगर पाकिस्तान न बना होता, तो आज भारत के मुसलमान भी प्रधानमंत्री बनने के दावेदार होते! क्योंकि काबिलियत हमारे खून में है।”
उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका में जहां मुस्लिम आबादी मात्र 1% से भी कम है, वहां एक भारतीय मूल के मुस्लिम का मेयर बन जाना अपने आप में ऐतिहासिक पल है।
“हिंदुस्तान का बेटा आज अमेरिका में झंडा गाड़ रहा है, और हमारे अपने लोग यहां उसकी काबिलियत पर शक कर रहे हैं — इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा?”
‘ममदानी की जीत इस्लाम की नहीं,
विधायक इकबाल महमूद ने ममदानी की जीत को धर्म से जोड़ने की निंदा की। उन्होंने कहा कि यह जीत किसी धार्मिक पहचान की नहीं बल्कि भारतीय प्रतिभा की जीत है।
“जो लोग ममदानी का विरोध कर रहे हैं, वे अंधे हैं, उनके पास अक्ल की कमी है। अमेरिका जैसा देश, जहां मुस्लिम जनसंख्या 1% से भी कम है, वहां एक भारतीय मूल के मुस्लिम का मेयर बनना हमारी काबिलियत का प्रमाण है, न कि किसी धार्मिक एजेंडे का हिस्सा।”
डॉ. कलाम से लेकर अब्दुल हमीद तक
इकबाल महमूद ने अपने बयान में भारत के महान मुस्लिम योगदानकर्ताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि मुस्लिम समाज ने हमेशा देश के निर्माण में अहम भूमिका निभाई है।
“डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम मिसाइल मैन बने, वीर अब्दुल हमीद ने अपनी जान देकर देश की रक्षा की, विंग कमांडर सोफिया कुरैशी ने देश का नाम ऊंचा किया — क्या ये हमारी काबिलियत का सबूत नहीं?”
उन्होंने आरोप लगाया कि 2017 के बाद भारत में मुसलमानों की योग्यता को दरकिनार किया जा रहा है, जो न केवल मुस्लिम समाज बल्कि पूरे देश की प्रगति के खिलाफ है।
‘अगर पाकिस्तान न बना होता तो…’
इकबाल महमूद का सबसे विवादित बयान इसी हिस्से में आया —
“अगर पाकिस्तान न बना होता तो आज भारत के मुसलमान भी प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में होते। क्योंकि लोकतंत्र में फैसला जनता करती है, न कि नफरत। हमारी आबादी बराबर होती, और हमारी आवाज़ भी।”
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का निर्माण भारत की एकता को कमजोर करने वाला कदम था, लेकिन उसका सबसे बड़ा नुकसान यहां के मुसलमानों को हुआ।
“हमारे समाज के हिस्से को अलग कर दिया गया। जो रह गए, उन्हें शक की निगाह से देखा जाने लगा। अगर आज सब साथ होते तो हिंदुस्तान की तस्वीर कुछ और होती।”
‘हमें लड़ाई नहीं, एकजुटता की ज़रूरत है’
इकबाल महमूद ने आगे कहा कि सियासत का असली मकसद समाज को जोड़ना है, तोड़ना नहीं। उन्होंने केंद्र सरकार पर परोक्ष तंज कसते हुए कहा कि “जो योग्य हैं, उनका इस्तेमाल कीजिए — उन्हें दबाइए मत।”
“हमें आपस में लड़ने की नहीं, देश की बेहतरी के लिए एकजुट होने की ज़रूरत है। यह देश सबका है — हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई — सबने मिलकर इसे बनाया है। हमें मिलकर ही इसे आगे ले जाना है।”
‘हिंदू राष्ट्र बनाम मुस्लिम राष्ट्र’ पर भी साधा निशाना
इकबाल महमूद ने कुछ राजनीतिक दलों के “हिंदू राष्ट्र” के एजेंडे पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह देश संविधान से चलता है, धर्म से नहीं।
“कुछ लोग कहते हैं भारत को हिंदू राष्ट्र बना देंगे, अब वही लोग कह रहे हैं कि अमेरिका मुस्लिम राष्ट्र बन जाएगा। पहले ये बताइए — अमेरिका में मुसलमान कितने हैं? और भारत में कितने?”
उन्होंने कहा कि भारत की ताकत उसकी विविधता में है, और जो लोग इसे धर्म के नाम पर बांटना चाहते हैं, वे देश की जड़ों को कमजोर कर रहे हैं।
राजनीतिक हलचल और विपक्ष की प्रतिक्रिया
इकबाल महमूद का यह बयान सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज़ हो गई है। बीजेपी नेताओं ने इसे “सांप्रदायिक सोच” करार दिया, जबकि सपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि विधायक ने सिर्फ “सच्चाई और काबिलियत” की बात कही है।स्थानीय स्तर पर भी यह बयान लोगों में बहस का मुद्दा बन गया है — कुछ ने इसे “हकीकत” बताया तो कुछ ने “राजनीतिक बयानबाज़ी।”
बाइट:
“हमें आपस में लड़ने की नहीं, देश की बेहतरी के लिए एकजुट होने की ज़रूरत है। जो योग्य हैं, उनका इस्तेमाल कीजिए — उन्हें दबाइए मत।”— इकबाल महमूद, विधायक, समाजवादी पार्टी (संभल)
⸻
भारतवर्ष समाचार ब्यूरो
संपर्क: 9410001283
वेबसाइट: www.bharatvarshsamachar.org

















Comments