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वाराणसी ब्रेकिंग: तालाब में मिली मासूम की लाश, पुलिस पर ग्रामीणों ने लगाए गंभीर आरोप

  • bharatvarshsamaach
  • Jun 28
  • 2 min read

संभल | भारतवर्ष समाचार


संभल में बीते साल 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा की जांच अब एक निर्णायक मोड़ की ओर बढ़ रही है। इस बहुचर्चित मामले में अब आज़ाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर न्यायिक जांच आयोग के समक्ष पेश होने जा रहे हैं। वे 30 जून को आयोग के समक्ष अपना बयान दर्ज कराएंगे।


अमिताभ ठाकुर ने एक वीडियो जारी कर दावा किया है कि उनके पास इस दंगे से जुड़ी कई अहम जानकारियाँ और ठोस दस्तावेज़ी साक्ष्य हैं, जो अब तक सार्वजनिक नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि ये सबूत घटना की तह तक पहुँचने और जांच की दिशा बदलने में मदद कर सकते हैं। ठाकुर का आरोप है कि प्रशासन ने कई महत्वपूर्ण तथ्यों को दबा दिया है, जिनका सामने आना बेहद जरूरी है।


गौरतलब है कि 24 नवंबर 2023 को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भारी बवाल हुआ था, जिसमें चार लोगों की मौत हुई थी और 29 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इस मामले में शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली एडवोकेट समेत 96 लोगों को जेल भेजा जा चुका है, जबकि सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की गई है।


राज्य सरकार ने इस हिंसा की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था, जिसके समक्ष अब तक कई प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस कर्मी और स्थानीय लोग अपने बयान दर्ज करा चुके हैं।


अब अमिताभ ठाकुर की गवाही से उम्मीद की जा रही है कि यह जांच को एक नया दृष्टिकोण प्रदान करेगी। वे आयोग को शपथ पत्र के माध्यम से अपनी जानकारी और सबूत सौंपेंगे।


संभल वासियों की निगाहें अब 30 जून पर टिकी हैं, जब यह स्पष्ट होगा कि अमिताभ ठाकुर के दावों से दंगे की जांच को कोई नई दिशा मिलती है या नहीं। फिलहाल, उनके खुलासों की सच्चाई आयोग की जांच के बाद ही सामने आएगी।




 
 
 

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