संभल में ‘ज़हरीला कचरा कांड’! NGT ने लिया संज्ञान, यूपी सरकार व अफसर तलब
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भारतवर्ष समाचार
रिपोर्टर: प्रदीप मिश्रा | संभल, उत्तर प्रदेश
तारीख: 09 नवंबर 2025
संभल की हवा में ज़हर घुल चुका है। दरिया सर कब्रिस्तान और तुर्तीपुर इल्हा इलाके में सालों से हो रही कचरा डंपिंग अब स्थानीय लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। इस गंभीर पर्यावरणीय संकट पर अब राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने स्वतः संज्ञान लेते हुए बड़ा कदम उठाया है।
NGT ने मामले में नगर पालिका परिषद संभल, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB), शहरी विकास विभाग और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर 12 जनवरी 2026 को तलब किया है। साथ ही, एक संयुक्त जांच समिति (Joint Inspection Committee) गठित की गई है जिसमें डीएम संभल और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी शामिल रहेंगे। यह टीम दो सप्ताह में मौके का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करेगी और एक महीने के भीतर NGT में पेश करेगी।
स्थानीय निवासियों का आरोप:
लोगों ने बताया कि नगर पालिका द्वारा बीते एक दशक से ठोस, रासायनिक और बायोमेडिकल कचरा आवासीय इलाकों, स्कूलों और कृषि भूमि के पास खुले में फेंका जा रहा है।24 अप्रैल 2025 को डंपिंग साइट पर भयंकर आग लग गई थी। इससे उठे ज़हरीले धुएं और मीथेन गैस के बाद इलाके में सांस की बीमारियाँ, दम घुटने और त्वचा रोगों के मामले बढ़ गए।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने सिर्फ “पानी का छिड़काव” कर खानापूर्ति की और अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
लोगों की आवाज़:
धर्मेंद्र, स्थानीय निवासी: “हमने कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब हवा में सांस लेना मुश्किल हो गया है।”
रमेश, स्थानीय निवासी: “कचरे के कारण बच्चों में एलर्जी और खांसी बढ़ गई है।”
गुड्डू, कूड़ा गाड़ी चालक: “कचरा फेंकने की व्यवस्था सही नहीं है, ऊपर से कोई ध्यान नहीं देता।”
NGT का रुख:
NGT ने इस मामले को “गंभीर पर्यावरणीय उल्लंघन” माना है और साफ कहा है कि “ऐसे मामलों में लापरवाही अस्वीकार्य है।”
अब सबकी निगाहें 12 जनवरी 2026 को होने वाली NGT की सुनवाई पर टिकी हैं। उम्मीद है कि इस बार संभल की हवा में फैल रहा यह ज़हर थम सकेगा।
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भारतवर्ष समाचार ब्यूरो
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