संभल से SP विधायक इक़बाल महमूद का बड़ा बयान, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जताई आपत्ति
- bharatvarshsamaach
- Sep 15
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रिपोर्टर: प्रदीप मिश्रा, संभल
भारतवर्ष समाचार ब्यूरो
“राम मंदिर ट्रस्ट में मुसलमान को जगह नहीं, तो वक्फ ट्रस्ट में गैर-मुस्लिम क्यों ज़रूरी?”
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और संभल से विधायक इक़बाल महमूद ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज ने हमेशा से अदालतों के फैसलों का सम्मान किया है,
चाहे वह फैसला कितना भी कठिन क्यों न हो। उन्होंने बाबरी मस्जिद पर आए निर्णय का उदाहरण देते हुए कहा कि “जब बाबरी मस्जिद का फैसला आया, तब भी हमने उसे मान लिया था। आज का फैसला भी सुप्रीम कोर्ट का है, तो उसे मानना ही होगा।”
वक्फ ट्रस्ट में गैर-मुस्लिम सदस्य की आपत्ति
हालांकि, विधायक इक़बाल महमूद ने सुप्रीम कोर्ट के एक बिंदु पर गंभीर सवाल भी उठाया। उन्होंने कहा कि “जब राम मंदिर ट्रस्ट में किसी मुसलमान को जगह नहीं दी जा सकती और न ही दी जानी चाहिए, तो फिर वक्फ ट्रस्ट में किसी गैर-मुस्लिम को शामिल करना क्यों ज़रूरी है? यह समझ से परे और अजीब है।”
फैसले के अन्य हिस्से का स्वागत
इक़बाल महमूद ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का स्वागत किया, जिसमें कलेक्टर को वक्फ संपत्तियों का सर्वे कराने का अधिकार देने वाली व्यवस्था को खारिज कर दिया गया है। उन्होंने इसे “अच्छा और स्वागत योग्य कदम” बताया।
इसके साथ ही उन्होंने अदालत द्वारा वक्फ बिल में गैर-मुस्लिम सदस्यों की संख्या तय करने के प्रावधान को भी स्वीकार किया। पहले व्यवस्था थी कि कम से कम तीन गैर-मुस्लिम सदस्य होंगे, लेकिन अब कोर्ट ने सीमा तय कर दी है कि उनकी संख्या तीन से ज़्यादा नहीं होगी।
“वक्फ में गैर-मुस्लिम सदस्य असंगत” – महमूद
विधायक ने एक बार फिर दोहराया कि “वक्फ में गैर-मुस्लिम सदस्य बनना अजीब और असंगत लगता है। बाकि फैसले स्वागत योग्य हैं और अब यह अंतिम है, इसमें कोई बदलाव नहीं हो सकता।”
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