संभल हादसे में 8 की मौत, पोस्टमार्टम हाउस में अव्यवस्था ने उजागर की स्वास्थ्य सिस्टम की सच्चाई
- bharatvarshsamaach
- Jul 5
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रिपोर्ट: प्रदीप मिश्रा | भारतवर्ष समाचार
तिथि: 5 जुलाई 2025 | स्थान: संभल, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के संभल जनपद से एक बेहद दर्दनाक और चिंताजनक खबर सामने आई है। शुक्रवार देर रात जूनावई थाना क्षेत्र में एक बोलेरो गाड़ी इंटर कॉलेज की दीवार से टकरा गई। इस हादसे में दूल्हे समेत आठ लोगों की जान चली गई। लेकिन इस हादसे के बाद जो कुछ हुआ, उसने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हादसे की पूरी घटना
जानकारी के मुताबिक, सुरेश नामक युवक की बारात गांव हरगोविंदपुर से बदायूं जिले के बिल्सी जा रही थी। रास्ते में बोलेरो वाहन असंतुलित होकर दीवार से टकरा गया। हादसे में पाँच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। हादसे के शिकार लोग बुलंदशहर और संभल जनपद के निवासी थे।
पोस्टमार्टम हाउस में अव्यवस्था
हादसे में मारे गए लोगों के शवों को बहजोई पोस्टमार्टम हाउस लाया गया। लेकिन वहां मौजूद अव्यवस्थाओं ने परिजनों के जख्मों को और गहरा कर दिया। मृतकों के परिजनों का आरोप है कि शवों को सुरक्षित रखने के लिए उनसे बर्फ के नाम पर 500 रुपये वसूले गए।
परिजनों ने खुद 800 रुपये में बर्फ की सिल्ली मंगाकर शवों को ढकवाया। आरोप है कि पोस्टमार्टम हाउस में ना तो फ्रीजर काम कर रहा था, ना पीने के पानी की सुविधा थी, और ना ही कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर मौजूद था।
ग्रामीणों का आक्रोश
मृतकों के गांव से पहुंचे रामचंद्र ने कहा, "यहां कोई व्यवस्था नहीं है। सिर्फ नाम का चौकीदार बैठा है। बदबू फैल रही है। हम खुद बर्फ लेकर आए।"
वहीं, एक अन्य ग्रामीण गुरु दयाल ने आरोप लगाया, "500 रुपये बर्फ के लिए लिए गए। न पंखा है, न पानी। ऐसा लगता है जैसे यहां कोई मरने के बाद भी इंसान नहीं रह जाता।"
जनप्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया
गुन्नौर से समाजवादी पार्टी विधायक राम खिलाड़ी यादव ने इस घटना को बेहद निंदनीय बताया। उन्होंने कहा, "फ्रीजर का न चलना और बर्फ के नाम पर पैसे लेना अमानवीय है। मैं इस संबंध में डीएम और सीएम से बात करूंगा। मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए।"
प्रशासन की सफाई
मामला बढ़ने पर प्रशासन ने सफाई दी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. तरुण पाठक ने कहा कि पोस्टमार्टम हाउस में फ्रीजर है और सुविधा मौजूद है। यदि कोई बाहरी व्यक्ति पैसे मांगता पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि हादसा बोलेरो की तेज रफ्तार और चालक की लापरवाही से हुआ। डीएम ने दावा किया कि पोस्टमार्टम हाउस में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं मौजूद हैं।
हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ ग्रामीणों ने पानी और लाइट को लेकर नाराज़गी ज़ाहिर की है, जिसकी जांच करवाई जा रही है।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने जताया दुख
इस हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख जताया है। पीएमओ ने घोषणा की है कि मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से 2-2 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।
वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी हादसे पर संवेदना व्यक्त करते हुए मुखिया परिवार के दो मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।
निष्कर्ष
संभल हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हमारा स्वास्थ्य सिस्टम सिर्फ दिखावे का है? शवों को रखने के लिए बर्फ तक परिजन खुद लाएं, तो यह व्यवस्था नहीं, संवेदनहीनता है।

















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