झांसी: कुरान-ख्वानी और फातिहा के साथ सम्पन्न हुआ उर्स-ए-आला हजरत
- bharatvarshsamaach
- Aug 21
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रिपोर्टर: मोहम्मद कलाम कुरैशी | झांसी, उत्तर प्रदेश
मदरसा अल जामियातुल रज्जाकिया आस्ताना-ए-सरकार बांसा अपिया, हुजूर महाराज सिंह नगर पुलिया नंबर 9 झांसी में सूफी अफराज़ हुसैन की देखरेख में आला हजरत उर्स-ए-मुबारक के अवसर पर कुल शरीफ का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत नमाज-ए-फज्र के बाद कुरान-ख्वानी व फातिहा से हुई। इसके उपरांत तकरीरी प्रोग्राम में उलमा-ए-कराम ने नबी की सुन्नतों और आला हजरत के बताए रास्ते पर चलने की सीख दी।
आलिमों ने रखे विचार
मुफ्ती इमरान और कारी जमील ने आला हजरत अहमद रज़ा ख़ान की हयाते-ज़िंदगी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उन्होंने दर्शन, धर्म, नियम और विज्ञान सहित कई विषयों पर लेख लिखे।उन्होंने कहा कि आला हजरत ने केवल साढ़े सात घंटे में कुरान-ए-पाक के 30 पारे हिफ्ज़ कर लिए थे।
आलिमों ने यह भी बताया कि जब दुनिया में सिक्के कम पड़ने लगे और करंसी (नोटों) का चलन शुरू हुआ, तब कई बड़े आलिमों ने इसे हराम करार दिया। उस समय आला हजरत ने शरीयत की रोशनी में एक किताब लिखकर नोटों के प्रयोग को जायज़ ठहराया था।
उपस्थित लोग
इस मौके पर सैय्यद बशारत अली, अब्दुल रहमान, आदिल, सुल्तान, सादिक, आरिफ खान, कदीम अहमद, मुहम्मद अली, संजय, आशिक, आसिफ, अरबाज, नसीम, सलीम समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।कार्यक्रम की निज़ामत कारी जमील ने की।
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