झांसी: पानी के तेज बहाव में बह गईं 15 भैंसें, 9 के शव बरामद, 6 अब भी लापता
- bharatvarshsamaach
- Jul 15
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रिपोर्टर: कलाम कुरैशी, झांसी
रक्सा, झांसी | 14 जुलाई 2025 | भारतवर्ष समाचार
झांसी जिले के रक्सा थाना क्षेत्र के ग्राम शिवगढ़ मवई में भारी बारिश ने एक किसान परिवार को गहरा आर्थिक झटका दे दिया। पानी के तेज बहाव में 15 दुधारू भैंसें बह गईं, जिनमें से 9 के शव बरामद कर लिए गए हैं जबकि 6 अभी भी लापता हैं। यह घटना रविवार शाम तेज बारिश के बाद खपरैल नदी में आए तेज बहाव के कारण हुई।
घटना का पूरा विवरण
गांव शिवगढ़ मवई के पालों के डेरा निवासी जितेंद्र पाल (32) पुत्र कीरतपाल ने बताया कि 13 जुलाई की दोपहर 3 बजे वह अपने घर से खेत की ओर 15 भैंसों को चराने ले गया था।करीब 4 बजे अचानक तेज बारिश शुरू हो गई। बारिश की वजह से वह पास के एक खेत में बने अस्थायी मकान में रुक गया, लेकिन भैंसें आगे बढ़ते हुए खपरैल नदी के किनारे तक पहुंच गईं।
तेज बारिश के कारण नदी का बहाव इतना तेज था कि भैंसें उसमें समा गईं और बहने लगीं।
भैंसों का स्वामित्व
जितेंद्र पाल ने बताया कि
6 भैंसें उसकी खुद की थीं
4 भैंसें उसके बड़े भाई अरविंद पाल की थीं
5 भैंसें उनके चाचा श्रीपत पाल की थीं
तलाश अभियान
जब बारिश बंद हुई और वह वापस घर लौटा, तो देखा कि कोई भी भैंस वापस नहीं आई थी।परिवार के अन्य सदस्य भी चिंतित हो गए और लगभग 10-15 ग्रामीणों की टीम रात में ही तलाश में निकल पड़ी।रात 12 बजे तक खोजबीन की गई, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।अगले दिन सुबह पुनः नदी किनारे खोज की गई, जहां 9 भैंसों के शव बरामद हुए।6 भैंसें अब भी लापता हैं, जिनकी तलाश स्थानीय लोग व प्रशासनिक टीमें कर रही हैं।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना की सूचना रक्सा पुलिस को दी गई, जो तुरंत मौके पर पहुंची।प्राथमिक जांच के साथ पुलिस ने राजस्व विभाग को भी सूचित कर दिया है।राजस्व टीम ने नुकसान का जायजा लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
भारी आर्थिक क्षति
किसान जितेंद्र पाल ने बताया कि इस घटना में उनका और उनके परिवार का करीब 10 से 12 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। ये भैंसें दूध देने वाली थीं और परिवार की आजीविका का मुख्य स्रोत थीं।
सामाजिक सवाल
यह घटना एक बार फिर यह उजागर करती है कि तेज बारिश और प्राकृतिक आपदाओं से सबसे पहले गरीब किसान ही प्रभावित होते हैं।ग्रामीण क्षेत्रों में पशुधन किसानों की जीवनरेखा होता है। ऐसे में प्रशासन से यह उम्मीद की जा रही है कि परिवार को शीघ्र आर्थिक सहायता व बीमा मुआवज़ा प्रदान किया जाए।
भारतवर्ष समाचार की अपील:
सरकार और प्रशासन को चाहिए कि ऐसे मामलों में राहत कार्यों को तेज़ किया जाए और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचाव के लिए नदियों व नालों के किनारे पशुपालन के जोखिमों के प्रति किसानों को जागरूक किया जाए।
भारतवर्ष समाचार की विशेष रिपोर्ट
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