झांसी में थाना कोतवाली पुलिस ने मकान मालिक को कराया अवैध कब्जाधारियों से मकान मुक्त
- bharatvarshsamaach
- Oct 4
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रिपोर्ट: मोहम्मद कलाम कुरैशी
स्थान: झांसी ,उत्तर प्रदेश
तारीख: 04.10.2025
झांसी। झांसी न्यायालय के आदेश के बाद थाना कोतवाली पुलिस ने मकान मालिक शरीफ अहमद पुत्र वशीर अहमद को उनके मकान से अवैध कब्जाधारियों को हटाकर कब्जा दिलाया। यह कार्रवाई भारी पुलिसबल की मौजूदगी में संपन्न हुई और इसमें सुरक्षा व कानूनी प्रक्रियाओं का पूरा ध्यान रखा गया।
मकान और विवाद का विवरण
शरीफ अहमद ने मकान को पूर्व मालिक श्रीमती मुल्ला देवी से 09-05-2007 को रजिस्ट्री विक्रय पत्र के माध्यम से अपनी पत्नी श्रीमती शाहीन खान के नाम खरीदा था।
मकान लगभग 80-90 वर्ष पुराना है।
यह पंचकुईया के पास स्थित है और जीर्ण-शीर्ण होने के कारण गिरने का खतरा था।
सुरक्षा कारणों से मकान में मालिक और उनकी पत्नी वर्तमान समय में निवास नहीं कर रहे थे।
इस अवसर का फायदा उठाते हुए दबंग तत्व—मुकेश अग्रवाल, उमा यादव, हरीश हसानी, नीरज अग्रवाल—मकान में जबरन कब्जा करने का प्रयास कर रहे थे।
29-03-2022 को विपक्षी पक्ष ने मकान का ताला तोड़कर रंगदारी की नीयत से कब्जा कर लिया।
मामला न्यायालय में विचाराधीन था।
न्यायालय और पुलिस कार्रवाई
न्यायालय के आदेश के अनुसार थाना कोतवाली पुलिस ने भारी पुलिसबल के साथ कार्रवाई की।
मकान मालिक शरीफ अहमद को ताले काटकर कब्जा दिलाया गया।
अवैध कब्जाधारियों को हटाया गया और मकान मालिक को उनके अधिकार सुरक्षित किए गए।
पुलिस ने यह कार्रवाई सुरक्षा, कानून और न्याय प्रणाली की प्रक्रियाओं का पालन करते हुए की।
शरीफ अहमद ने इस कार्रवाई पर न्यायालय और पुलिस की सराहना करते हुए कहा:
“आगे सत्य की जीत होती है। हमें न्याय प्रक्रिया पर पूरा भरोसा था। ऐसे दबंगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।”
कार्रवाई का महत्व
यह कार्रवाई कानून की साफ जीत को दर्शाती है:
अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ प्रशासन ने सख्त संदेश दिया।
न्यायालय और पुलिस की सक्रिय भूमिका से कानून का शासन और नागरिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई।
यह घटना झांसी में अन्य मकान मालिकों और आम नागरिकों के लिए सुरक्षा और विश्वास का प्रतीक भी है।
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भारतवर्ष समाचार ब्यूरो
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