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झांसी में बचपन की बरबादी! नशे के धुएं में घुटती मासूम जिंदगियां

  • bharatvarshsamaach
  • Sep 9
  • 2 min read
"गरीबी और लापरवाही ने छीना मासूमों का बचपन"
"गरीबी और लापरवाही ने छीना मासूमों का बचपन"


 स्थान  : झांसी, उत्तर प्रदेश

रिपोर्टर : मोहम्मद कलाम कुरैशी |

 भारतवर्ष समाचार  ब्यूरो


झांसी से सामने आईं कुछ तस्वीरें पूरे समाज के गाल पर तमाचा हैं। ये तस्वीरें किसी फिल्म या धारावाहिक का दृश्य नहीं, बल्कि उस सच्चाई का आईना हैं जहां मासूम बच्चों से उनका बचपन छीन लिया गया है।


पहली तस्वीर में एक बच्चा हाथ में सिगरेट लिए धुएं के कश लगाता नजर आता है। उसकी मासूम आंखों में किसी खेल की चमक नहीं, बल्कि नशे की लत की गिरफ्त झलकती है। दूसरी तस्वीर और भी डरावनी है—जहां एक छोटा बच्चा ज़मीन पर बैठा सूखा सिलोचन सूंघते हुए नशे में चूर दिखाई दे रहा है।


गरीबी और लापरवाही का कड़वा सच

झांसी की ये तस्वीरें बताती हैं कि किस तरह गरीबी और लापरवाही ने बच्चों को नशे के अंधेरे रास्ते पर धकेल दिया है। पढ़ाई-लिखाई और खेलकूद की जगह उनके हाथों में जहर बन चुका नशे का सामान है। माता-पिता की मजबूरी, समाज की चुप्पी और प्रशासन की अनदेखी ने मासूमियत को बर्बाद कर डाला है।


प्रशासन और समाज पर सवाल

सवाल बड़ा है—आखिर प्रशासन कहां है? नशा मुक्त भारत का सपना दिखाने वाले जिम्मेदार लोग क्यों खामोश हैं? क्या ये बच्चे सरकार की योजनाओं की पहुंच से बाहर हैं या फिर सिस्टम की उदासीनता का शिकार?


आने वाली पीढ़ी पर खतरा

ये तस्वीरें सिर्फ बच्चों की बरबादी की कहानी नहीं सुनातीं, बल्कि आने वाली पीढ़ी पर मंडराते खतरे की चेतावनी भी देती हैं। अगर हालात पर तुरंत लगाम नहीं लगाई गई, तो मासूम जिंदगियां नशे के धुएं में गुम हो जाएंगी और समाज का भविष्य अंधकार में डूब जाएगा।


ज़िम्मेदारों को जगाने का वक्त

अब वक्त आ गया है कि समाज, प्रशासन और हर जिम्मेदार नागरिक अपनी आंखें खोले। बच्चों को नशे से बाहर निकालने के लिए जागरूकता, सख्त कार्रवाई और ठोस कदम उठाना जरूरी है। वरना ये मासूमियत की बरबादी एक दिन पूरी पीढ़ी को तबाह कर देगी।


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 भारतवर्ष समाचार  ब्यूरो

 संपर्क: 9410001283

 वेबसाइट: www.bharatvarshsamachar.org

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