धर्म के नाम पर जहर घोलने की कोशिश!” – सांसद जियाउर्रहमान बर्क का रामभद्राचार्य को करारा जवाब
- bharatvarshsamaach
- Sep 16
- 2 min read
रिपोर्टर: प्रदीप मिश्रा,
स्थान: संभल, उत्तर प्रदेश
भारतवर्ष समाचार ब्यूरो
जगद्गुरु रामभद्राचार्य के हालिया बयान ने प्रदेश की राजनीति में नया तूफ़ान खड़ा कर दिया है। रामभद्राचार्य ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश को “मिनी पाकिस्तान” बताते हुए मेरठ, संभल और मुज़फ्फरनगर जैसे जिलों में हिंदुओं को दबाए जाने की बात कही थी। इस बयान पर समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और संभल से सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
“बयान चुनावी फायदे के लिए दिलवाया गया हो सकता है”
सांसद बर्क ने कहा कि ऐसे बयानों को तवज्जो देने की ज़रूरत ही नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि यह बयान वास्तव में रामभद्राचार्य का निजी विचार है या फिर किसी राजनीतिक पार्टी ने चुनावी फायदे के लिए उन्हें यह बयान देने को प्रेरित किया है।
उन्होंने चेताया कि जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आएंगे, इस तरह के बयान और घटनाएं बढ़ेंगी ताकि समाज में खाई पैदा की जा सके और धर्म के नाम पर राजनीति चमकाई जा सके।
क्या कोई सर्वे किया गया है?
सांसद ने तीखा सवाल उठाते हुए कहा –“क्या रामभद्राचार्य जी ने कोई सर्वे कराया है? क्या उनके पास कोई तथ्य या आंकड़े हैं? या फिर यह बयान हवा-हवाई में दिया गया है?”
उन्होंने इसे पूरी तरह गलत, गुमराह करने वाला और समाज को बांटने वाला बयान बताया।
“यूपी में सभी सुरक्षित थे और हैं”
जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि चाहे बीजेपी की सरकार हो या समाजवादी पार्टी की, उत्तर प्रदेश में हिंदू और मुस्लिम – दोनों समाज के लोग सुरक्षित रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह केवल राजनीतिक एजेंडा है जिसके जरिए यह दिखाने की कोशिश की जाती है कि किसी एक वर्ग को ही खतरा है।
“बयानबाज़ी से समाज को बांटने की कोशिश”
सांसद ने साफ कहा कि इस तरह के बयानों का असल मकसद समाज को बांटना और चुनावी फायदे के लिए माहौल गर्माना है। उन्होंने अपील की कि जनता को ऐसे बयानों को ज्यादा महत्व नहीं देना चाहिए और एकता की मिसाल कायम रखनी चाहिए।
अंत में सांसद ने इस बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि राजनीति में धर्म का जहर घोलने की बजाय शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार जैसे मुद्दों पर फोकस होना चाहिए।
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भारतवर्ष समाचार ब्यूरो
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