प्रदेश में शासन-प्रशासन द्वारा मुस्लिम समाज पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ़ AIMIM का प्रदर्शन
- bharatvarshsamaach
- Oct 6
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रिपोर्ट: मोहम्मद कलाम कुरैशी | झांसी ,उत्तर प्रदेश
संवाददाता: भारतवर्ष समाचार
तारीख: 04 अक्टूबर 2025
उत्तर प्रदेश में लगातार मुस्लिम समाज पर हो रहे अत्याचारों और भेदभाव के खिलाफ़ ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने बड़ा प्रदर्शन किया। पार्टी के जिला अध्यक्ष रईस खान के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ता झांसी जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और एडीएम को ज्ञापन सौंपकर महामहिम राष्ट्रपति महोदया से हस्तक्षेप की मांग की।
पार्टी नेताओं का कहना है कि बीते आठ वर्षों से प्रदेश में धर्म के नाम पर नफरत फैलाने और मुसलमानों को निशाना बनाने की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं। कभी गौवंश हत्या, कभी दाढ़ी-टोपी, कभी मंदिर-मस्जिद, तो कभी मदरसा और मकबरे के नाम पर प्रशासनिक कार्रवाई की जा रही है। ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि तथाकथित गौरक्षक संगठनों, बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद,
हिंदू सेना, आरएसएस आदि के संरक्षण में मुसलमानों के खिलाफ़ माहौल बनाया जा रहा है और प्रशासन ऐसे तत्वों पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहा।
“न्याय का दूसरा नाम बन गया है लाठी और बुलडोजर”
AIMIM ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में न्याय और कानून का स्थान “लाठी और बुलडोज़र” ने ले लिया है। पार्टी का आरोप है कि निर्दोषों पर झूठे मुकदमे दर्ज कर उन्हें थानों में शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों तक को नहीं बख्शा जा रहा।
पार्टी ने इसे लोकतंत्र और संविधान पर सीधा हमला बताया है।
बरेली की घटना का ज़िक्र कर जताई नाराज़गी
ज्ञापन में 26 सितंबर 2025 को बरेली में हुई हिंसा का ज़िक्र करते हुए कहा गया कि प्रशासन ने “शांति व्यवस्था बनाए रखने” के नाम पर मुस्लिम समाज पर बर्बरता की। कई निर्दोषों को घरों से खींचकर गिरफ्तार किया गया और थानों में अमानवीय व्यवहार किया गया।
AIMIM ने कहा कि इस घटना के बाद मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया बयान “अमर्यादित, असंवैधानिक और निंदनीय” था, जिसने मुख्यमंत्री पद की गरिमा को ठेस पहुँचाई है।
शासन-प्रशासन पर नफरत फैलाने वालों को संरक्षण देने का आरोप
रईस खान ने कहा कि फतेहपुर, आगरा और अन्य जिलों में कट्टर संगठनों द्वारा हिंसा और नफरत फैलाने की घटनाएं सामने आईं,
लेकिन शासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा —
“प्रदेश में ऐसा प्रतीत होता है कि यहां संविधान नहीं, बल्कि धर्म विशेष की सरकार चल रही है। यह लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक संकेत है।”
राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
AIMIM ने महामहिम राष्ट्रपति महोदया से निवेदन किया है कि वे उत्तर प्रदेश सरकार को संविधान के अनुरूप कार्य करने के लिए निर्देशित करें। यदि सरकार अपनी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं करती है, तो प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए, ताकि आम नागरिकों की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित हो सके।
ज्ञापन के अंत में AIMIM ने कहा कि पार्टी लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष जारी रखेगी।
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भारतवर्ष समाचार ब्यूरो
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