वार्ड नंबर 24 के पार्षद पद पर न्यायालय का बड़ा फैसला, अंकित सहारिया अपदस्थ, लालता प्रसाद घोषित
- bharatvarshsamaach
- Jul 26
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स्थान: झांसी
रिपोर्टर: कलाम कुरैशी | भारतवर्ष समाचार
तारीख: 26 जुलाई 2025
न्यायालय ने दिया ऐतिहासिक निर्णय
वार्ड नंबर 24 के पार्षद पद को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद का पटाक्षेप हो गया है। झांसी की अदालत ने वर्ष 2023 के नगर निगम चुनाव में विजयी घोषित किए गए अंकित सहारिया को फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर शून्य घोषित कर दिया है। उनके स्थान पर लालता प्रसाद को वैध पार्षद घोषित किया गया है।
जाति प्रमाणपत्र को लेकर उठे थे सवाल
वर्ष 2023 में हुए नगर निगम चुनाव में वार्ड नंबर 24 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था। चुनाव में अंकित सहारिया और लालता प्रसाद आमने-सामने थे। लालता प्रसाद ने आरोप लगाया कि अंकित सहारिया अनुसूचित जाति से नहीं हैं, बल्कि उन्होंने फर्जी जाति प्रमाणपत्र के माध्यम से चुनाव लड़ा और विजय प्राप्त की।
लालता प्रसाद ने इस संबंध में चुनाव अधिकारी सहित संबंधित विभागों को शिकायतें दी थीं, लेकिन समय पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। चुनाव परिणाम घोषित हुए और अंकित सहारिया पार्षद चुने गए।
न्यायालय में प्रस्तुत हुए प्रमाण
लालता प्रसाद ने हार के बाद अपर सत्र न्यायालय, कोर्ट नंबर एक में याचिका दायर की। मामले की लगातार सुनवाई हुई और साक्ष्य, दस्तावेज, और गवाहों के आधार पर अदालत ने निर्णय सुनाया। अपर सत्र न्यायाधीश श्री सुनील कुमार की अदालत ने अंकित सहारिया को अपदस्थ करते हुए लालता प्रसाद को वार्ड नंबर 24 का वैध पार्षद घोषित कर दिया।
जनता में खुशी की लहर
न्यायालय का फैसला आते ही लालता प्रसाद के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। जगह-जगह उनका स्वागत किया गया और समर्थकों ने निर्णय को सत्य की जीत बताया।
निष्कर्ष
इस निर्णय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी की कोई जगह नहीं है। न्यायालय का यह फैसला आने वाले समय में दूसरों के लिए भी एक चेतावनी स्वरूप होगा।
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