संभल में शिक्षक आंदोलन: गांधी पार्क में अनशन पर डटे शिक्षक, ट्रांसफर लिस्ट की मांग
- bharatvarshsamaach
- Oct 1
- 2 min read
रिपोर्ट: प्रदीप मिश्रा
स्थान : संभल, उत्तर प्रदेश |
उत्तर प्रदेश में शिक्षक महाअंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है। संभल जिले के चंदौसी में शिक्षक पिछले सात दिनों से अनशन पर डटे हैं। उनका साफ कहना है कि जब तक शिक्षा विभाग ट्रांसफर लिस्ट जारी नहीं करता, तब तक वे कोई भी त्यौहार नहीं मनाएंगे। आंदोलन की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शिक्षकों ने दशहरा और दिवाली तक त्याग देने का ऐलान कर दिया है।
सातवें दिन भी जारी धरना
शुरुआत में शिक्षक माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी के आवास पर धरने पर बैठे थे। लेकिन प्रशासन की दखलअंदाजी के बाद उन्हें वहां से हटाकर चंदौसी के गांधी पार्क भेज दिया गया। अब सातवें दिन भी शिक्षक वहीं धरने पर डटे हुए हैं और लगातार अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं।
उमेश त्यागी का बड़ा ऐलान
माध्यमिक शिक्षक संघ (ठुकराई गुट) के प्रदेश अध्यक्ष उमेश त्यागी ने बुधवार को बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा:
“ट्रांसफर लिस्ट जारी न होने तक न दशहरा, न दिवाली और न ही कोई त्यौहार मनाया जाएगा। यह संघर्ष अब व्यक्तिगत नहीं बल्कि सामूहिक है और पूरे प्रदेश के शिक्षकों के सम्मान की लड़ाई है।”
उन्होंने आगे कहा कि यह आंदोलन अब “करो या मरो” के नारे के साथ पूरी ताकत से लड़ा जाएगा।
शिक्षा विभाग पर गंभीर आरोप
उमेश त्यागी ने शिक्षा विभाग पर कई गंभीर आरोप लगाए—
शिक्षकों के अधिकारों की अनदेखी।
मनमानी ट्रांसफर पॉलिसी लागू करना।
शिक्षकों को लगातार परेशान करने की साजिश।
उनका कहना है कि सरकार के रवैये ने शिक्षकों में गहरा रोष पैदा कर दिया है और अब यह आंदोलन केवल मांगों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र को सचेत करने वाला आंदोलन बनेगा।
अहिंसात्मक आंदोलन का ऐलान
संघ ने साफ किया कि यह आंदोलन पूरी तरह अहिंसात्मक रहेगा। शिक्षकों ने घोषणा की है कि 2 अक्टूबर, गांधी जयंती को भी यह आंदोलन और अधिक मजबूती के साथ जारी रहेगा। गांधी पार्क में जुटे शिक्षक महात्मा गांधी के सिद्धांतों से प्रेरित होकर अहिंसा के रास्ते पर संघर्ष कर रहे हैं।
गांधी पार्क का माहौल
गांधी पार्क में माहौल एक ओर तनावपूर्ण है तो दूसरी ओर शिक्षकों का संकल्प भी स्पष्ट नज़र आ रहा है। विभिन्न जिलों से पहुंचे शिक्षक एकजुट होकर अपने हक और सम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि यह आंदोलन केवल वेतन या ट्रांसफर का नहीं बल्कि “शिक्षकों के सम्मान और अधिकारों की लड़ाई” है।
आंदोलन का असर
शिक्षक संघ का दावा है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को अनसुना किया तो आंदोलन और बड़ा रूप लेगा और लाखों शिक्षक इसमें शामिल होंगे। अनशनकारियों का कहना है कि यह लड़ाई अब शिक्षा जगत को हिला देने वाली साबित होगी।
बाइट: उमेश त्यागी, प्रदेश अध्यक्ष
⸻
भारतवर्ष समाचार ब्यूरो
संपर्क: 9410001283
वेबसाइट: www.bharatvarshsamachar.org

















Comments