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“अब हमने सुदर्शन चक्र उठा लिया है...” – संसद में गरजे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्ष को दिया करारा जवाब

  • bharatvarshsamaach
  • Jul 28
  • 2 min read
"अब हमने सुदर्शन चक्र उठा लिया है — रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संसद में"
"अब हमने सुदर्शन चक्र उठा लिया है — रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संसद में"

तारीख: 28 जुलाई 2025

स्थान: नई दिल्ली, संसद भवन

भारतवर्ष समाचार |


देश की सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के प्रतीक ऑपरेशन सिंदूर पर आज संसद में जोरदार बहस देखने को मिली। मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में इस विषय को लेकर सरकार और विपक्ष आमने-सामने नज़र आए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सरकार का पक्ष मजबूती से रखते हुए विपक्ष के सवालों का तथ्यात्मक और सटीक जवाब दिया।


क्या है ऑपरेशन सिंदूर?


रक्षा मंत्री ने सदन को जानकारी दी कि ऑपरेशन सिंदूर एक सुनियोजित सैन्य कार्रवाई थी, जिसे 6 और 7 मई 2025 को अंजाम दिया गया। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सेना ने सीमा पार मौजूद आतंकियों के 9 ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया और 100 से अधिक आतंकवादियों को ढेर किया गया।


राजनाथ सिंह ने बताया कि यह अभियान न केवल आतंकवाद के विरुद्ध भारत की नीति की स्पष्ट अभिव्यक्ति है, बल्कि यह दिखाता है कि देश अब आतंक के खिलाफ सिर्फ चेतावनी नहीं, बल्कि निर्णायक कार्रवाई में विश्वास रखता है।


सदन में गरजा राष्ट्रवाद


रक्षा मंत्री ने विपक्ष के बयानों को खंडित करते हुए कहा:

"शठे शाठ्यं समाचरेत्... हमने भगवान श्रीकृष्ण से सीखा है कि जब धर्म खतरे में हो, तो सुदर्शन चक्र उठाना ही पड़ता है।"

उन्होंने दो टूक कहा कि भारत अब रक्षात्मक नीति नहीं, बल्कि आक्रामक प्रतिरोध की रणनीति अपनाए हुए है। “अब बहुत हो गया है, हमने सुदर्शन चक्र उठा लिया है,” उनके इस कथन पर पूरे सदन में जोरदार मेज थपथपाई गई।


राष्ट्रीय सुरक्षा पर सरकार का स्पष्ट रुख


राजनाथ सिंह ने बताया कि इस ऑपरेशन को अंजाम देने से पहले कई स्तरों पर खुफिया इनपुट्स और रणनीतिक विश्लेषण किए गए थे। इसमें AI-सक्षम निगरानी तकनीक, सैटेलाइट इंटेलिजेंस और स्पेशल फोर्सेज की मदद ली गई।


उन्होंने कहा कि यह केवल सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि एक मन:स्थिति का प्रदर्शन था – कि भारत अब आतंकी हमलों का मूकदर्शक नहीं रहेगा।


विपक्ष पर पलटवार


जब विपक्ष ने सरकार से कार्रवाई की पारदर्शिता पर सवाल उठाए, तो रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि:

“इस सरकार में किसी भी तरह की ढिलाई या छुपाने की बात नहीं है। हमने हर जानकारी देश के सामने रखी है और रखेंगे। लेकिन सुरक्षा मामलों में हर विवरण सार्वजनिक करना जिम्मेदारी नहीं, लापरवाही होगी।”

🇮🇳 सार्वजनिक समर्थन और विपक्ष की परीक्षा


ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जहां एक ओर देशभर में राष्ट्रभक्ति की लहर है, वहीं दूसरी ओर संसद में यह बहस विपक्ष के लिए एक परीक्षा बन गई है। जनता चाहती है कि राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मामलों में राजनीति नहीं, एकता दिखाई दे।


निष्कर्ष:


ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की बदलती रणनीति और मजबूत इच्छाशक्ति का प्रतीक बन गया है। रक्षा मंत्री का संसद में दिया गया यह बयान कि “अब हमने सुदर्शन चक्र उठा लिया है”, आने वाले समय में भारत की आतंकरोधी नीति का मूलमंत्र साबित हो सकता है।


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 वेबसाइट: www.bharatvarshsamachar.org


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