प्रधानमंत्री मोदी ने Mann Ki Baat में साझा की छठ पर्व की शुभकामनाएं और भारत की सामाजिक एकता की बातें
- bharatvarshsamaach
- Oct 26
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भारतवर्ष समाचार ब्यूरो
दिनांक : 26 अक्टूबर 2025
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के दौरान देशवासियों को छठ पर्व की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि यह त्योहार संस्कृति, प्रकृति और समाज की गहन एकता का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि छठ पर्व समाज के हर वर्ग को जोड़ता है और यह भारत की सामाजिक एकता का एक सुंदर उदाहरण है।
छठ पर्व और सामाजिक एकता
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि छठ पर्व का महत्व सिर्फ धार्मिक या पारंपरिक नहीं है, बल्कि यह सभी वर्गों और समुदायों को जोड़ने वाला उत्सव है। उनका यह भी कहना था कि देश में जब लोग सूर्य और प्रकृति की पूजा करते हैं, तो इससे सामाजिक और सांस्कृतिक समरसता भी प्रकट होती है।
सशस्त्र बलों की सराहना
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में सशस्त्र बलों की सराहना की, विशेषकर ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा और सीमाओं की रक्षा में इन अभियानों की सफलता देशवासियों में गर्व और उत्साह पैदा करती है।
साथ ही उन्होंने एंटी-नक्सल ऑपरेशन्स की भी सराहना की और कहा कि "जिन क्षेत्रों में कभी माओवादी आतंक का अंधेरा था, वहां अब खुशी के दीप जल रहे हैं।"
‘एक पेड़ माँ के नाम’ पहल
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक पेड़ माँ के नाम’ पहल का उल्लेख करते हुए सभी से अपील की कि वे जहाँ रहते हैं वहां पेड़ लगाएं।उन्होंने कहा,
“पेड़ और पौधे हर जीव के लिए लाभकारी हैं, और यही कारण है कि हमारे शास्त्रों में इसे बहुत महत्व दिया गया है। यह प्रकृति और मानवता का संबंध मजबूत करता है।”
सर्दार वल्लभभाई पटेल को याद किया
प्रधानमंत्री ने सर्दार पटेल को भी याद किया, जिनकी 150वीं जयंती 31 अक्टूबर को है। उन्होंने कहा कि सर्दार पटेल आधुनिक भारत के महान व्यक्तित्वों में से एक थे।उन्होंने सफाई और प्रशासनिक दक्षता को प्राथमिकता दी और भारत को एकजुट करने में अतुलनीय प्रयास किए।
प्रधानमंत्री ने कहा,
“मैं आप सभी से अपील करता हूं कि 31 अक्टूबर को आयोजित ‘रन फॉर यूनिटी’ में सिर्फ अकेले न भाग लें, बल्कि दूसरों के साथ भागीदारी करें।”
‘वंदे मातरम’ को श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ की भी सराहना की, जिसे बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने रचना किया था। उन्होंने कहा कि 7 नवंबर को वंदे मातरम का 150वां वर्ष मनाया जाएगा।
मोदी ने कहा,
“वेदों ने भारतीय सभ्यता की नींव रखी और कहा कि पृथ्वी माता है और मैं उसका पुत्र हूं। बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने ‘वंदे मातरम’ रचना कर यह संबंध सार्वभौमिक भावनाओं में उतारा।”
त्रिबल हीरोज: बीरसा मुंडा को श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री मोदी ने सामाजिक कार्यकर्ता बीरेसा मुंडा को भी याद किया। उन्होंने कहा कि 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाएगा।
“मैं भगवन बीरसा मुंडा को नमन करता हूं। उन्होंने देश की स्वतंत्रता और जनजातीय समुदाय के अधिकारों के लिए जो कार्य किया, वह अतुलनीय है।”
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी के इस ‘मन की बात’ संबोधन में भारत की सामाजिक एकता, संस्कृति और प्रकृति के प्रति सम्मान पर जोर दिया गया। उन्होंने देशवासियों को प्रेरित किया कि सांस्कृतिक, पर्यावरणीय और ऐतिहासिक विरासत को समझें और उसका पालन करें।
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