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राहुल गांधी का प्रधानमंत्री को पत्र: जम्मू-कश्मीर को फिर राज्य का दर्जा देने की माँग तेज़

  • bharatvarshsamaach
  • Jul 16
  • 2 min read
"राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा देने की मांग की।"
"राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा देने की मांग की।"

 रिपोर्ट: भारतवर्ष समाचार ब्यूरो

नई दिल्ली।


संसद के आगामी मानसून सत्र से पहले, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक महत्त्वपूर्ण पत्र लिखते हुए जम्मू-कश्मीर को पुनः पूर्ण राज्य का दर्जा देने की माँग की है। इस मांग को लेकर लंबे समय से विपक्षी दल आवाज़ उठाते रहे हैं, लेकिन हालिया पहलगाम आतंकी हमले के बाद यह मुद्दा और भी संवेदनशील हो गया है।


राहुल गांधी ने अपने पत्र में इस मांग को संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकारों से जुड़ा मुद्दा बताया है। उन्होंने प्रधानमंत्री को यह भी याद दिलाया कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष स्वयं राज्य का दर्जा बहाल करने का आश्वासन दिया था।


राज्य से केंद्र शासित प्रदेश तक: अभूतपूर्व बदलाव

अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटाने के साथ ही जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया था और लद्दाख को अलग केंद्रशासित इकाई के रूप में विभाजित कर दिया गया। यह स्वतंत्र भारत में पहली बार हुआ, जब एक पूर्ण राज्य को घटाकर केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया।


राहुल गांधी ने पत्र में लिखा है कि, “पिछले पांच वर्षों से जम्मू-कश्मीर के लोग लगातार राज्य की बहाली की माँग कर रहे हैं, लेकिन अब तक यह पूरी नहीं हो सकी है।”


लद्दाख के लिए भी की संवैधानिक सुरक्षा की माँग

राहुल गांधी ने लद्दाख को लेकर भी सरकार से स्पष्ट मांग की है कि उसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए। उन्होंने लिखा कि इससे लद्दाख के जनजातीय समुदायों की पहचान, ज़मीन, संस्कृति और राजनीतिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।


गौरतलब है कि लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक भी इस मांग को लेकर अनशन कर चुके हैं और यह मुद्दा अब राष्ट्रीय विमर्श का हिस्सा बन चुका है।


केंद्र सरकार की चुप्पी और संभावित बिलों की सूची

सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार ने मानसून सत्र में जम्मू-कश्मीर राज्य बहाली से संबंधित कोई बिल लाने की योजना नहीं बनाई है। जबकि इस सत्र में ये प्रमुख विधेयक पेश किए जा सकते हैं:


  • मणिपुर GST संशोधन विधेयक, 2025

  • जन विश्वास संशोधन विधेयक, 2025

  • राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक, 2025

  • राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग संशोधन विधेयक, 2025

  • खान और खनिज संशोधन विधेयक, 2025

  • भारतीय प्रबंधन संस्थान संशोधन विधेयक, 2025


इसके अलावा कई पुराने लंबित बिलों को पारित करने की योजना है, जैसे:


  • आयकर विधेयक, 2025

  • भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2025

  • मालवाहन समुद्री विधेयक, 2024


राजनीतिक संकेत और संभावनाएं

राहुल गांधी द्वारा भेजा गया यह पत्र संसद सत्र से पहले एक राजनीतिक दबाव की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पूर्व में राज्य का दर्जा बहाल करने की बात कह चुके हैं, लेकिन कोई ठोस समयसीमा आज तक सामने नहीं आई है।


जम्मू-कश्मीर की बहाली और लद्दाख की सुरक्षा के सवाल पर अब नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या सरकार जन अपेक्षाओं को

प्राथमिकता देगी या राजनीतिक रणनीति को।


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