रिटायरमेंट के बाद क्या करेंगे अमित शाह? खुद किया बड़ा खुलासा, कहा– जीवन समर्पित करूंगा प्राकृतिक खेती को
- bharatvarshsamaach
- Jul 12
- 2 min read

लेखक: भारतवर्ष समाचार डेस्क |
स्थान: नई दिल्ली
भारतीय राजनीति के प्रमुख चेहरों में से एक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने रिटायरमेंट प्लान का खुलासा कर सभी को चौंका दिया है। देश की राजनीति में जहां आमतौर पर नेताओं के रिटायरमेंट की कोई समय-सीमा नहीं होती, वहीं शाह ने इस विषय में स्पष्ट रुख अपनाते हुए यह बताया है कि राजनीति से संन्यास लेने के बाद वे क्या करने वाले हैं।
“प्राकृतिक खेती ही बनेगी जीवन का आधार” – अमित शाह
अहमदाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने कहा कि वे राजनीति से संन्यास लेने के बाद अपना संपूर्ण जीवन प्राकृतिक खेती को समर्पित करेंगे। उन्होंने कहा,
"मैं वेद और उपनिषदों का अध्ययन करूंगा और प्राकृतिक खेती के लिए समर्पित रूप से काम करूंगा।"
शाह ने इस खेती पद्धति को एक वैज्ञानिक प्रयोग करार देते हुए कहा कि इससे न केवल स्वास्थ्य बेहतर होता है, बल्कि उत्पादन में भी बढ़ोतरी होती है।
फर्टिलाइजर और बीमारी का सीधा संबंध
अमित शाह ने प्राकृतिक खेती के लाभों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि फर्टिलाइजर वाले अनाज के सेवन से कैंसर, ब्लड प्रेशर और थायरॉइड जैसी बीमारियाँ बढ़ रही हैं। उन्होंने ज़ोर दिया कि बिना उर्वरक के उगाए गए अन्न से शरीर स्वस्थ रहता है और दवाइयों की ज़रूरत कम हो जाती है।
उनके अनुसार, उन्होंने स्वयं अपने खेत में प्राकृतिक खेती को अपनाया है और अनाज उत्पादन में डेढ़ गुना तक की बढ़ोतरी देखी है।
अभी भी सक्रिय राजनीति में, लेकिन खेती से जुड़ाव बरकरार
अमित शाह फिलहाल देश की आंतरिक सुरक्षा का दायित्व निभा रहे हैं, परंतु वे खेती के अपने अनुभवों को लेकर बेहद सक्रिय रहते हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि रिटायरमेंट के बाद उनका ध्यान पूर्णतः अध्यात्म और खेती पर केंद्रित होगा।
युवाओं को दिया जीवनशैली से जुड़ा मंत्र
कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा:
"देश की प्रगति में युवाओं के पास 40–50 साल हैं। ऐसे में उन्हें स्वस्थ रहने के लिए हर दिन दो घंटे का व्यायाम और छह घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए।"
उनका मानना है कि स्वस्थ शरीर ही सफल जीवन और राष्ट्रनिर्माण की नींव है।
राजनीति से अलग एक नई पहचान की ओर?
अमित शाह के इस रिटायरमेंट प्लान ने एक बार फिर यह दिखाया है कि सत्ता के गलियारों से बाहर भी एक नेता का जीवन कितना बहुआयामी और प्रेरणादायक हो सकता है। प्राकृतिक खेती को अपनाकर न केवल वे स्वयं उदाहरण बनना चाहते हैं, बल्कि देशभर के किसानों और युवाओं को भी इस दिशा में प्रेरित करना उनका उद्देश्य है।
निष्कर्ष
राजनीतिक हलकों में अमित शाह की पहचान एक रणनीतिकार, निर्णयक और मजबूत प्रशासक के रूप में रही है। लेकिन उनका यह नया रूप — एक प्राकृतिक कृषक और वैदिक अध्ययनकर्ता — भारत की परंपराओं और आधुनिकता के संगम का प्रतीक बनता नजर आ रहा है।
भारतवर्ष समाचार संपर्क विवरण
फोन: 9410001283
वेबसाइट: www.bharatvarshsamachar.org
















Comments